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प्रियंका गांधी पहुंची असमः मां कामाख्या के दर्शन कर की चुनावी दौरे की शुरुआत
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। असम में विधानसभा चुनाव के लिए अप्रैल में वोटिंग होनी है और उससे पहले दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओं का असम दौरा जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन पर असम को दौरा कर चुके हैं और अब सोमवार (1 मार्च ) से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा असम दौरे पर हैं। उन्होंने अपने कैंपियन की शुरुआत मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना कर की। उन्होंने ट्वीट किया कि "कामाख्ये वरदे देवि नीलपर्वतवासिनि। त्वं देवि जगतां मातर्योनिमुद्रे नमोऽस्तु ते...।" उन्होंने इस स्लोक के आगे लिखा कि "आज मां कामाख्या के दर्शन का सौभाग्य मिला। मां कामाख्या से समस्त देशवासियों के कल्याण के लिए प्रार्थना की"।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, वह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर कई जिलों की यात्रा करेंगी, जहां भाजपा और उसके सहयोगी दल, एजीपी की मजबूत उपस्थिति है। हालांकि, उनका पहला पड़ाव गुवाहाटी था, जहां वह पार्टी की ओर से प्रार्थना करने के लिए कामाख्या मंदिर पहुंची। इसके बाद चुनाव प्रचार शुरू करने के लिए लखीमपुर पहुंची।
असम में तीन चरणों में मतदान होना है। पहला चरण 27 मार्च, दूसरा चरण 1 अप्रैल और तीसरा चरण 6 अप्रैल को होगा। असम में सबसे बड़ा मुद्दा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) है। दिसंबर 2019 में बीजेपी के विरोध में यहां जमकर हंगामा और प्रदर्शन हुआ था। कांग्रेस इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और बीजेपी विकास परियोजनाओं की घोषणा कर के चुनाव जीतना चाहती है।
लोगों से मुलाकात के दौरान प्रियंका ने कहा कि, असम की बहुरंगी संस्कृति ही असम की शक्ति है। असम यात्रा के दौरान लोगों से मिलकर महसूस किया कि लोग इस बहुरंगी संस्कृति को बचाने के लिए वे पूरी प्रतिबद्धता से तैयार हैं। अपनी संस्कृति और विरासत बचाने के लिए असम के लोगों की लड़ाई में कांग्रेसी पार्टी उनके साथ है।
इधर, यूपी में प्रियंका गन्ना किसानों के लिए किसान पंचायतें करेंगी....
इधर, यूपी में भी प्रियंका गांधी लगातार महापंचायतों में हिस्सा ले रही हैं। अब खबर है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गन्ना किसानों के सामने आने वाली समस्याओं को उजागर करने और उनके बकाया भुगतान की मांग को लेकर किसान पंचायतें आयोजित करेंगी। कांग्रेस बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करने की योजना बना रही है, जहां प्रियंका गांधी मिल मालिकों द्वारा बकाया भुगतान न करने के मुद्दे को उजागर करेंगी।
प्रियंका गांधी ने हाल ही में मथुरा जिले में एक किसान पंचायत को संबोधित किया, जो तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पार्टी द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक कड़ी थी। खबरों के अनुसार, गन्ना किसानों को साल 2019-20 का बकाया नहीं मिला है।
साल 2020-21 के विपणन वर्ष में, एसएपी सामान्य किस्म के लिए पहले की तरह 315 रुपए प्रति क्विंटल है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि गन्ने की अस्वीकृत किस्म के लिए कीमतें क्रमश: 325 रुपए और 310 रुपए प्रति क्विंटल बनी रहेंगी।
यह तीसरा सीधा वर्ष है, जब राज्य सरकार ने गन्ने के मूल्य में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सत्ता में आने के बाद एसएपी 2017 में 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था। किसान एसएपी को 325 रुपए से बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं।
Created On :   1 March 2021 11:56 AM IST