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बाल श्रमिकों का संकट समाप्त करने के लिए उठाए कदमों पर रिपोर्ट पेश करें
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को उनके क्षेत्राधिकार में बाल अधिकार और बाल और श्रम (संशोधन) अधिनियम, 2016 विशेष रुप से बाल श्रमिकों की स्थिति के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के प्रावधानों और अनुच्छेदों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। आयोग ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से उन कंपनियों और उनके प्रबंधन के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में 8 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कहा है कि जो अपने कारखाने के परिसर में बाल श्रमिकों को नियोजित करते हैं या नियोजित किया गया था या बाल अधिकार और बाल और किशोर श्रम (संशोधन) अधिनियम, 2016 के खिलाफ किसी भी प्रकार की उत्पादन गतिविधियों के लिए उनका उपयोग करते हैं।
आयोग ने राजस्थान में अधिकारियों से एक शिकायत के संबंध में बाल तस्करी के बारे में विरोधाभासी रिपोर्टों पर गौर करते हुए सभी राज्यों को यह निर्देश दिए है। आयोग ने पाया है कि देश की आजादी के सात दशकों के बाद भी बच्चोंह के अधिकारों, उनके बंधुआ मजदूरी और तस्कयरी से रक्षा के लिए विभिन्नआ कानूनों और योजनाओं के बावजूद बाल श्रम की मौजूदगी बाल श्रम के खतरे को नियंत्रित करने के लिए राज्य मशीनरी की प्रभावशीलता पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है।
Created On :   28 Aug 2021 8:24 PM IST