प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोपों पर मचा सियासी बवाल, लाठी चार्ज के बाद राजभवन पहुंची भाजपा

Political uproar over allegations of irregularities in preliminary examination, BJP reached Raj Bhavan after lathi charge
प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोपों पर मचा सियासी बवाल, लाठी चार्ज के बाद राजभवन पहुंची भाजपा
झारखंड लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोपों पर मचा सियासी बवाल, लाठी चार्ज के बाद राजभवन पहुंची भाजपा
हाईलाइट
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के आंदोलन को बताया प्रायोजित स्पॉन्सर्ड

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोपों पर राज्य में सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गये हैं। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है तो दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस भाजपा प्रायोजित स्पॉन्सर्ड आंदोलन करार दिया है। इधर जेपीएससी के चेयरमैन अमिताभ चौधरी ने आंदोलनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान उन्हें आश्वस्त किया है कि रिजल्ट को लेकर जिन मुद्दों पर आपत्ति जतायी जा रही है उन पर चार दिनों के अंदर आयोग अपना स्टैंड क्लियर कर देगा।

मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची में जेपीएससी पीटी रिजल्ट को लेकर पूरे दिन बवाल रहा। पहले दोपहर बारह बजे मोरहाबादी मैदान से जेपीएससी कार्यालय तक मार्च करने निकले छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इसमें कई छात्र चोटिल हो गये।

छात्रों के आंदोलन का समर्थन कर रहे भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही भी लाठी चार्ज की जद में आये। इस घटना के बाद भानु प्रताप शाही ने ट्वीटर पर आंदोलन का वीडियो शेयर करते हुए लिखा हेमंत सोरेन आज पीठ पर लाठी खाया हूं। छाती अभी भी आपकी गोली खाने को तैयार है। हिम्मत है तो चला दो लेकिन जेपीएससी के छात्रों की आवाज नहीं दबने दूंगा।

लाठी चार्ज की घटना के बाद भी जब आंदोलित अभ्यर्थियों की नारेबाजी नहीं रुकी तो एक प्रतिनिधिमंडल को जेपीएससी चेयरमैन अमिताभ चौधरी से मिलने की अनुमति दी गयी। प्रतिनिधिमंडल में तीन विधायकों नवीन जायसवाल, भानू प्रताप शाही और लम्बोदर महतो के अलावा कई छात्र शामिल थे। चेयरमैन से वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि जेपीएससी चेयरमैन ने उनसे चार दिन का वक्त मांगा है ताकि वे उनकी शिकायतों का लिखित जवाब दे सकें।

जिस समय लाठी चार्ज हुआ, उसी समय झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक चल रही थी। भाजपा कार्यसमिति ने बैठक में लाठी चार्ज के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया और बैठक की समाप्ति के बाद शाम में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की अगुवाई में पार्टी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन जाकर मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उनसे जेपीएससी की गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीधे हस्तक्षेप की अपील की गयी है।

राज्यपाल से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में विधायक रणधीर सिंह, मनीष जायसवाल, अमर बाउरी सहित अन्य नेता शामिल थे। इधर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बयान जारी कर कहा कि यह युवा विरोधी और विश्वासघाती हेमंत सरकार डंडे के जोर से अपना शासन चलाना चला रही है। लाठी-डंडे से हक की लड़ाई नहीं थमेगी।

दूसरी तरफ झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह आंदोलन भाजपा प्रायोजित है। सरकार एक तरफ नियुक्तियां तेज करने के अभियान में जुटी है तो दूसरी तरफ राजनीति करने वाले इसमें अड़ंगा डालना चाहते हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी इसे स्पांसर्ड आंदोलन करार देते हुए भाजपा से सवाल पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पांच साल में जेपीएससी की एक परीक्षा क्यों नहीं करा सके? भाजपा झारखंडी छात्रों की विरोधी है। वह चाहती है कि जो नियुक्ति प्रक्रियाएं चल रही हैं, उन्हें किसी तरह रुकवा दिया जाये।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Nov 2021 9:31 PM IST

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