सोसाइटी और डॉग लवर्स के बीच फंसी पुलिस, कुत्ता हटाए तो मुश्किल, ना हटाए तो आफत

Police trapped between society and dog lovers, if the dog is removed, it is difficult, if it is not removed, then disaster
सोसाइटी और डॉग लवर्स के बीच फंसी पुलिस, कुत्ता हटाए तो मुश्किल, ना हटाए तो आफत
उत्तर प्रदेश सोसाइटी और डॉग लवर्स के बीच फंसी पुलिस, कुत्ता हटाए तो मुश्किल, ना हटाए तो आफत

डिजिटल डेस्क, नोएडा। कुत्ते पर शुरू हुआ संग्राम अभी थम नहीं रहा है। सोसाइटी के लोग कुत्तों को निकाले जाने के पक्ष में हैं और एनजीओ उन्हें उनके लिए जब तक अस्थाई व्यवस्था खाने पीने की सुविधा ना हो जाए तब तक उन्हें हटाए ना जाने के पक्ष में है। इन सबके बीच पुलिस पूरी तरीके से पेश रही है बीते दिनों ही सोसाइटी में हुए बच्ची की मौत के बाद जब कुत्ता पकड़ने के लिए अथॉरिटी की कुत्ता पकड़ने वाली गाड़ियां सोसाइटी में पहुंची और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, तभी वहां पर मौजूद डॉग लवर्स ने उसका विरोध कर दिया। जिसके बाद पुलिस को मजबूर होकर कई घंटों तक उन्हें मनाना पड़ा समझाना पड़ा लेकिन फिर भी वह नहीं माने वहीं दूसरी तरफ पुलिस को सोसाइटी में मौजूद आम लोगों का भी भारी विरोध झेलना पड़ा, क्योंकि आप लोग कह रहे थे कि जल्द से जल्द यहां से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए।

पुलिस के एक आला अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह बताया है कि हमारे सामने बहुत बड़ी दुविधा होती है। एक तरफ हमें आदेश मिलता है कि लॉ एंड ऑर्डर को भी मेंटेन रखना है और जो घटना हुई है उसे भी पूरी तरीके से देखना है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों का विरोध, एनजीओ का विरोध और साथ-साथ मीडिया का भी प्रेशर हमें झेलना पड़ता है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्राधिकरण की तरफ से अभी तक कोई अस्थाई व्यवस्था इन स्ट्रीट डॉग्स के लिए नहीं हुई है जो कि यह समस्याएं आम हो गई हैं आए दिन यह शिकायतें मिलती हैं कि कहीं ना कहीं किसी ना किसी सोसाइटी में आवारा कुत्तों ने किसी को काट लिया। और उसके बाद दो लोगों के बीच विवाद होता है जिसे सुलझाना भी पुलिस को ही पड़ता है। उन्होंने बताया कि जब तक इसका कोई समाधान नहीं निकलेगा तब तक इस तरीके की समस्याएं हमेशा आती रहेंगी। यह का संस्कृत वाटर होता है कि इसमें हम किसी के खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं ले सकते क्योंकि सभी आम जनता है और सभी किसी न किसी बात से परेशान होकर धरना प्रदर्शन या फिर बवाल करती है। इसलिए लोगों को समझा-बुझाकर ही मामले को शांत कराने की कोशिश की जाती है।

(आईएएनएस)

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Created On :   21 Oct 2022 5:30 PM IST

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