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पुलिस ने फेक न्यूज फैलाने वाले एफबी, ट्विटर यूजर्स की मांगी जानकारी
डिजिटल डेस्क, अगरतला। त्रिपुरा पुलिस ने फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब से उन सौ से अधिक खातों का ब्योरा देने को कहा है, जिन्होंने बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के बाद राज्य में कुछ कथित घटनाओं के संबंध में विभिन्न फर्जी और भड़काऊ पोस्ट किए थे। अधिकारियों ने शनिवार ने यह जानकारी दी। पुलिस ने आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों, कार्यकर्ताओं और धार्मिक प्रचारकों सहित 70 से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को अलग-अलग पत्र भेजकर उन 101 खातों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने पिछले महीने राज्य में हुई घटनाओं के बारे में भड़काऊ पोस्ट किए थे।
नाम जाहिर करने से इनकार करने वाले अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अधिकारियों ने भी इन खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत 71 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उन्हें 10 नवंबर को जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।पुलिस अब तक विभिन्न जिलों से आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक समाज में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। लगभग 150 मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में धार्मिक संस्थानों और स्थानों पर गश्त और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस अधिकारी ने कहा, हालांकि पिछले दो हफ्तों के दौरान राज्य में कहीं से भी हमले और डराने-धमकाने की कोई ताजा घटना नहीं हुई है। सुरक्षा बल सीमावर्ती और मिश्रित आबादी वाले राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सतर्क हैं। अल्पसंख्यकों से जुड़ी कुछ घटनाओं के बाद, उत्तरी त्रिपुरा जिले के अधिकारियों ने 26 अक्टूबर को एहतियात के तौर पर पानीसागर और धर्मनगर उप-मंडलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी, जो अभी भी जारी है।
पिछले महीने बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा के बाद, अखिल भारतीय इमाम परिषद और विश्व हिंदू परिषद सहित 50 से अधिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करते हुए त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में रैलियां आयोजित की थीं। इन संगठनों ने अगरतला स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त से मुलाकात की और पड़ोसी देश की सरकार को संबोधित करते हुए ज्ञापन सौंपा। त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को त्रिपुरा में धार्मिक अल्पसंख्यकों से जुड़ी घटनाओं, (यदि कोई हो) पर 10 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। मीडिया रिपोटरें के अनुसार, दुर्गा पूजा स्थल पर कुरान के कथित अपमान के बारे में सोशल मीडिया पर अपुष्ट पोस्ट वायरल होने के बाद 13 अक्टूबर को कोमिला में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी।
(आईएएनएस)
Created On :   6 Nov 2021 4:00 PM IST