पीएम मोदी गोरखपुर को देंगे बड़ी सौगात, मिलेगा खाद कारखाना और एम्स

PM Modi will give a big gift to Gorakhpur, will get fertilizer factory and AIIMS
पीएम मोदी गोरखपुर को देंगे बड़ी सौगात, मिलेगा खाद कारखाना और एम्स
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 पीएम मोदी गोरखपुर को देंगे बड़ी सौगात, मिलेगा खाद कारखाना और एम्स
हाईलाइट
  • प्रधानमंत्री मोदी दिसम्बर में गोरखपुर को खाद कारखाना और एम्स की देंगे सौगात
  • योगी के यूपी को पीएम की चुनावी सौगात

डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा निर्मित खाद कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसम्बर माह में गोरखपुर को देने जा रहे हैं। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी हैं।

राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 7 दिसम्बर को विकास की इस बड़ी सौगात को पीएम मोदी के हाथों समर्पित कराने जा रहे हैं। इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इतने बड़े पैमाने पर खाद उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आएगी तो आत्मनिर्भरता का दम भी दिखेगा।

याद हो कि खाद कारखाना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जुलाई 2016 को किया था। इस साल फरवरी महीने में खाद कारखाना का उद्घाटन होना था लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से काम पूरा होने में देर हुई। प्रधानमंत्री के हाथ खाद कारखाना का उद्घाटन होने के बाद कुछ ही देर नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इसके बाद 40-45 दिन तक कारखाना को बंद कर मशीनों की जांच कराई जाएगी। खाद कारखाना के निर्माण पर आठ हजार और एम्स के निर्माण पर 14 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

ज्ञात हो कि गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई। 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाद कारखाने के निर्माण में किसी तरह की बाधा ही नहीं रह गई, वरन निर्माण कार्य को पंख लग गए। खास बात यह भी है कि यहां पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस आधारित प्लांट लगाया गया है।

गोरखपुर के खाद कारखाने का संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की है। एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोपोर्रेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं।

इस संयुक्त उपक्रम के अधीन गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण में करीब 8000 करोड़ रुपये की लागत आई है। कारखाना परिसर में 30 करोड़ की लागत से विशेष रबर भी बना है जिस पर गोलियों का भी असर नहीं होता है। एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उत्पादन की है। इसके उत्पादनशील होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यही नहीं आने वाले दिनों में गोरखपुर में बनी यूरिया से पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी। प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण से पूर्व कारखाना प्रबंधन 30 नवम्बर में उत्पादन का ट्रायल करने जा रहा है। अक्टूबर माह में वर्तमान केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कारखाने की प्रगति जानने के लिए पहुंचे थे ।

 

(आईएएनएस)

Created On :   29 Nov 2021 11:30 AM IST

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