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गुढीपाडवा से महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर पाबंदी, उल्लंघन पर 25 हजार जुर्माना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने प्लास्टिक और थर्माकोल से बनाए जाने वाले उत्पादों पर पाबंदी लगा दी है। गुढीपाडवा के मौके पर रविवार से इस पर अमल किया जाएगा। शुक्रवार को राज्य के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने विधानसभा में यह घोषणा की। पाबंदी का उल्लंघन करने वालों को 25 हजार रुपए तक जुर्माना और तीन महीने कैद की सजा हो सकती है। कदम ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्लास्टिक से बनाई जाने वाली थैलियों, थर्माकोल और प्लास्टिक से बनने वाली डिस्पोजेबल सामग्री जैसे थाली, कप, प्लेट, ग्लास, कांटा चम्मच, कटोरी, स्ट्रॉ, कटलरी, नॉन ओव्हनपॉलीप्रॉपीलेन बैग, स्प्रेड शीट्स, प्लास्टिक पाउच पर पूरी तरह पाबंदी लगाने का फैसला किया गया है। प्लास्टिक के उत्पादन, इस्तेमाल, संग्रह, वितरण, थोक या फुटकर बिक्री, आयात, परिवहन पर पूरी तरह से पाबंदी होगी।
पानी की बोलत, दूध की थैली के लिए पैसे
राज्य सरकार ने फिलहाल पानी की बोलतों के इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं लगाई है। पर इनकी रिसाइकलिंग के लिए प्लास्टिक की बोलतें व दूध की खाली थैलियों को खरीदा जाएगा। पानी की बोतलों के लिए एक रुपए और दूध की थैलियों के लिए 50 पैसे का पुनर्खरीद मूल्य निर्धारित किया गया है। दूध डेयरी, वितरक और विक्रेताओं के लिए थैलियां वापस खरीदना अनिवार्य होगा। पानी की बोलतों के उत्पादकों, विक्रेताओं और वितरकों को भी पुनर्खरीद की व्यवस्था करनी होगा और पुनर्खरीदी और रिसाइकलिंग केंद्र शुरू करने के लिए तीन महीनों की छूट दी गई है।
इनको मिली पाबंदी से छूट
- दवाओं की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, वन व फलोत्पादन, कृषि, कचरा उठाने, पौधारोपण के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक थैलियां और प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन इन पर यह लिखना होगा कि इसका इस्तेमाल किस काम के लिए किया जा सकता है।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र में निर्यात के लिए प्लास्टिक का उत्पादन किया जा सकेगा।
- कारखानों में उत्पादित माल की पैकिंग के लिए प्लास्टिक आवरण व थैलियों को पाबंदी से मुक्त रखा गया है।
- दूध की पैकिंग और अनाज रखने के लिए 50 माइक्रोन से मोटी थैलियों पर पाबंदी नहीं होगी।
Created On :   17 March 2018 12:07 AM IST