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गलत डीपीआर तैयार करने वाली कंपनी को किया भुगतान, 124 करोड़ का नुकसान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार की अमृत योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्रों के लिए जलापूर्ति योजना चलाई जा रही है, लेकिन गलत विस्तृत प्रकल्प प्रारूप (डीपीआर) के कारण प्रकल्प समय पर पूरा नहीं हो सका। इस कारण महानगरपालिका को 124 करोड़ रुपए का भारी नुकसान उठाना पड़ा। 226 करोड़ रुपए का यह प्रकल्प अब 350 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। विशेष यह कि गलत डीपीआर तैयार करने वाली कंसल्टेंट कंपनी को भी 7 करोड़ रुपए भुगतान कर दिए गए हैं।
जलकुंभ बनाने जगह नहीं उपलब्ध : वर्ष 2016 में मनपा कार्यक्षेत्र में अनधिकृत, अधिकृत व स्लम क्षेत्र में जलापूर्ति योजना के लिए अमृत अभियान अंतर्गत निधि मंजूर की गई है। इस काम में 43 जलकुंभ, मुख्य व वितरण जलापूर्ति लाइन डालने का काम शामिल है। इस काम का विस्तृत प्रकल्प प्रारूप (डीपीआर) तैयार करने के लिए वेबकास्ट कंपनी को ठेका दिया गया था। प्रकल्प के कुल तीन प्रतिशत (7.50 करोड़ रुपए) डीपीआर के लिए खर्च किया गया। इतना खर्च करने के बाद भी कंपनी की ओर से जो डीपीआर तैयार किया गया, वह गलत निकला। गलत रिपोर्ट के कारण ठेकेदार मे. वाप्कोस कंपनी को जलकुंभ बनाने के लिए जगह ही उपलब्ध नहीं हुई। फलत: कुल 43 जलकुंभ में से सिर्फ 11 जलकुंभ के काम शुरू हो सके। 16 जलकुंभ बनाने की नौबत महानगरपालिका पर आ गई है। प्रकल्प में विलंब के कारण इस काम के लिए नए सिरे से निकाली गई निविदा 30 से 40 प्रतिशत अतिरिक्त दर पर प्राप्त हुई है।
बिना रिपोर्ट तैयार किए 66 लाख रुपए भुगतान
एक और मामले में मनपा द्वारा बिना रिपोर्ट तैयार किए 66 लाख रुपए भुगतान का मामला सामने आया। राकांपा नगरसेविका आभा पांडे ने आमसभा मेंे प्रश्न उपस्थित करते हुए सत्तापक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 2017 में मे. अर्बन ट्रांजिट कंपनी को शहर की पार्किंग व्यवस्थापन का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसमें उसे ऑफलाइन, ऑनलाइन पार्किग, बड़े-छोटे और बाजार रास्ते शामिल कर पार्किंग का प्रेजेंटेशन जोन में जाकर देना था, लेकिन जब कंपनी सतरंजीपुरा जोन में प्रेजेंटेशन देने आई तो उसके पास इतवारी जैसे महत्वपूर्ण बाजार में पार्किंग और रास्ते की कोई जानकारी नहीं थी। वह कोई सवाल का जवाब भी नहीं दे पाई।
विशेष यह कि बिना रिपोर्ट तैयार किए ही मनपा ने कंपनी को 66 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। श्रीमती पांडे ने पूछा कि आखिर इसके लिए दोषी कौन है? सत्तापक्ष की अनदेखी के कारण मनपा को लाखों का नुकसान हुआ है। विशेष यह कि कंपनी ने इसी तरह की एक रिपोर्ट एनआईटी को भी सौंपी है।
कंपनी पर कार्रवाई की मांग
-मनपा की ऑनलाइन आमसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक प्रफुल गुडधे ने सिर्फ गलत डीपीआर रिपोर्ट के कारण मनपा को यह नुकसान होने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दोषी कंसल्टेंट कंपनी पर कार्रवाई की मांग की।
-कांग्रेस नगरसेवक मनोज सांगोले ने अमृत योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नारा में जलकुंभ के लिए जगह उपलब्ध कराई गई है, लेकिन वहां जलकुंभ का काम ही शुरू नहीं हो रहा है। डीपीआर में जो जगह दिखाई गई है, वह जगह वहां है नहीं।
- विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे ने प्रशासन को इसके लिए दोषी बताते हुए कहा कि उनकी गलती के कारण महानगरपालिका पर यह बोझ बैठा है। फिलहाल महापौर दयाशंकर तिवारी ने विषय को स्थगित रखते हुए इस बाबत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
Created On :   5 Oct 2021 10:11 AM IST