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ब्राह्मणों ने मांझी के समर्थकों पर लगाया मारपीट का आरोप
- पटना : ब्राह्मणों ने मांझी के समर्थकों पर लगाया मारपीट का आरोप
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पटना स्थित आवास पर ब्राह्मणों के एक समूह ने हंगामा किया। सोमवार को जमा हुए ब्राह्मणों ने आरोप लगाया कि भोज के दौरान उनके समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की है।
मांझी द्वारा आयोजित किए गए ब्राह्मण-दलित एकता भोज में खाने के लिए बड़ी संख्या में ब्राह्मण इकट्ठा हुए थे। उन्हें दावत के लिए चुरा, दही, तिलकुट (तिल से बनी एक तरह की मिठाई) और सब्जियां परोसी गईं।
ब्राह्मणों में से एक ने आरोप लगाया कि मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने आरोप लगाया कि एचएएम के लोगों ने उन्हें और अन्य लोगों को खाना खाने के लिए मजबूर किया, जबकि वे खाना ग्रहण नहीं करना चाहते थे।
ब्राह्मण समुदाय के नेता यश राज ने मांझी के निवास पर कहा, जिस तरह से उन्होंने हमें खाना परोसा, उस पर हमने कड़ी आपत्ति जताई। वे हमें खाना खाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। अगर वे हमारा सम्मान नहीं करेंगे, तो हम वहां खाना क्यों खाएंगे? इसलिए, हमने उनके निवास पर भोज का बहिष्कार किया और बाहर आ गए।
कई ब्राह्मण नेताओं ने दावा किया कि उनमें से कुछ लोगों ने मांझी से सवाल पूछने के बाद हंगामा शुरू किया।
यश राज ने कहा, मांझी ने सशर्त ब्राह्मण-दलित एकता भोज का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने हमारे समुदाय के लोगों पर शर्ते रखीं कि जो लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते हैं, शराब नहीं पीते हैं या किसी अपराध में शामिल नहीं हैं, उन्हें भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है। हमने मांझी से पूछा कि वह कौन हैं जो लोगों से पूछे कि हम क्या खाते हैं और क्या नहीं। इस सवाल के बाद मांझी के समर्थकों ने हमारे साथ मारपीट की।
स्थिति खराब होने पर राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान समेत कुछ समर्थकों ने ब्राह्मणों से खाना खाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो बातचीत के जरिए मामले का समाधान किया जा सकता है।
हालांकि, ब्राह्मणों ने उनकी बात नहीं मानी और उनके साथ भोज का बहिष्कार किया। उन्होंने मांझी पर उन्हें भोज के लिए आमंत्रित करने और उस पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।
जीतन राम मांझी ने 19 दिसंबर को पटना में दलितों को संबोधित करते हुए ब्राह्मणों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण हमारे घरों में सत्यनारायण पूजा करते थे, लेकिन वे अपने घरों में खाना नहीं खाते। खाने के बदले हमसे पैसे की मांग करते हैं।
यश राज ने 23 दिसंबर को जीतन राम मांझी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। वहीं, उन्होंने कई अन्य लोगों के साथ वहां जाकर सत्यनारायण पूजा (भगवान विष्णु की पूजा) का आयोजन किया और उस दिन उन्होंने दावा किया था कि उनका दल मांझी के घर भोजन करने जाएगा।
मांझी ने अपनी अभद्र टिप्पणी के बाद सार्वजनिक रूप से दो बार माफी मांगी और अपने बोल वापस ले लिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं बल्कि ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं।
आईएएनएस
Created On :   27 Dec 2021 5:53 PM IST