भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हुआ, बननी चाहिए जनसंख्या नीति – डॉ. प्रदीप दुबे

Partition of India also happened due to population imbalance, population policy should be made – Dr. Pradeep Dubey
भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हुआ, बननी चाहिए जनसंख्या नीति – डॉ. प्रदीप दुबे
जबलपुर भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हुआ, बननी चाहिए जनसंख्या नीति – डॉ. प्रदीप दुबे

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।  प्रयागराज में गत 16 से 19 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में जनसंख्या असंतुलन, सामाजिक-सार्वजनिक जीवन में महिला सहभागिता, मतांतरण और आर्थिक स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई तथा संघ कार्य को निरंतर विस्तार प्रदान करने की वृहद कार्ययोजना के संबंध में मंथन हुआ.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2024 के अंत तक भारत के सभी मंडलों (कुछ ग्रामों को मिलाकर बनी एक इकाई) तथा सभी शहरी बस्तियों में संघ शाखा पहुंचाने की योजना बनाई गई है. देश के कुछ प्रांतों के चयनित मंडलों में 99 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हुआ है. चित्तौड़ , ब्रज व केरल प्रांत में मंडल स्तर तक शाखाएं प्रारंभ हो चुकी हैं. देश में शाखाओं की संख्या 54382 से बढ़कर 61045 हो गई है. विगत एक वर्ष में संघ के साप्ताहिक मिलन में 4000 और मासिक संघ मंडली में 1800 की वृद्धि हुई है. हर वर्ष लाखों युवा संघ से जुड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं. संघ के शताब्दी वर्ष 2025 तक संघ कार्य को देश की हर इकाई तक ले जाने का लक्ष्य लेकर तीन हजार युवक शताब्दी विस्तारक के नाते निकले हैं, शीघ्र ही एक हजार शताब्दी विस्तारक और निकलेंगे.

महाकौशल प्रांत में 192 खंड केंद्र ,1006 मंडल और 556 बस्तियां शाखा युक्त हो चुके हैं. प्रांत में 1773 शाखा (दैनिक), 246 संघ मंडली और 483 साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं.
कार्यकारी मंडल में विचार हुआ कि लगातार मतांतरण और सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ होने से देश में हिंदुओं की संख्या कम हो रही है. पिछली एक शताब्दी में जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों का विभाजन हो चुका है. भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है. इस जनसंख्या असंतुलन को रोकते हुए देश की समग्र, सुविचारित  जनसंख्या नीति बनानी चाहिए. पिछले 40-50 वर्षों में जनसंख्या नियंत्रण पर एकांगी जोर देने के कारण वर्तमान में भारत में प्रति परिवार औसत जनसंख्या 3.4 से घटकर 1.9 हो गई है, अर्थात भविष्य में युवाओं की तुलना में वृद्ध जनसंख्या अधिक होगी, यह चिंताजनक है.
संघ कार्य का सार है, निरंतर संस्कारी, क्षमतावान नागरिक गढ़ना और उन्हें समाज के संगठन तथा सभी प्रकार के रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करना. इसी के दृष्टिगत सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्य करने वाली स्वयंसेवक शक्ति अर्थात जागरण श्रेणी, के कार्य को और बल प्रदान करने की योजना बनी है. सभी तरुण और प्रौढ़ स्वयंसेवक अपने-अपने शाखा क्षेत्र में सारे समाज को साथ लेकर समाज परिवर्तन और भारत माता के परम वैभव के कार्य में जुटें,  सभी रचनात्मक कार्यों में सहभागी हों, ऐसा आह्वान किया गया है. इस हेतु स्वयंसेवक अपने-अपने शाखा क्षेत्रों का सामाजिक अध्ययन कर रहे हैं.

संघ के संस्थापक पूज्यनीय डॉ. हेडगेवार कहते थे कि हम समाज संगठन के माध्यम से, इसी जीवन में, इसी देह में भारत का परम वैभव देखेंगे. इस  संकल्प के साथ कार्यकारी मंडल बैठक का समापन हुआ.
पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिकारी सह प्रांत कार्यवाह अनिरुद्ध कौरवार, प्रांत प्रचार प्रमुख विनोद कुमार, सह प्रांत प्रचार प्रमुख प्रशांत वाजपेई व शिवनारायण पटेल उपस्थित रहे।

Created On :   23 Oct 2022 8:27 PM IST

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