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फोन टैंपिंग मामला: सदन में विपक्ष के निशाने पर सरकार, संचार मंत्री बोले- सभी आरोप निराधार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में आज (सोमवार) विपक्ष ने फोन टैपिंग को लेकर जमकर हंगामा किया और मोदी सरकार पर जासूसी करने के आरोप लगाए। इन आरोपों को खारिज करते हुए केन्द्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डेटा का जासूसी से किसी भी तरह का संबंध नहीं है। जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं और उसमें कोई दम नहीं है। गौरतलब है कि इंटरनेशनल मीडिया ने दावा किया है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस खुलासे के बाद सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष के नेता लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में सरकार की घेराबंदी करने में लगे हैं।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन रिपोर्टों पर संदेह जताते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्टों का आना संयोग नहीं हो सकता है। रविवार रात एक वेब पोर्टल पर सनसनीखेज स्टोरी चली। जिसमें बड़े-बड़े आरोप लगाए गए। जिसमें कहा गया कि इजराइल के पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन है किया गया है। लेकिन ये सच नहीं है। इस तरह के आरोप पूरी तरह से निराधार है। अश्विनी ने कहा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां प्राइवेसी मौलिक अधिकार है। रिपोर्ट सरासर गलत है।
बता दें कि पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है। यह अपने उपयोगकतार्ओं को संदेश, फोटो और ईमेल खींचने, कॉल रिकॉर्ड करने और माइक्रोफोन सक्रिय करने की अनुमति देता है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट है कि 189 पत्रकारों, 600 से अधिक राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों और 60 से अधिक व्यावसायिक अधिकारियों को एनएसओ समूह के क्लाइंट द्वारा लक्षित किया गया था, जिसका मुख्यालय इजराइल में है। 17 मीडिया संगठनों के 80 से अधिक पत्रकार आने वाले दिनों में सनसनीखेज खुलासे करेंगे।
Created On :   19 July 2021 11:25 AM GMT