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रिटायरमेंट के बाद भी जारी है प्रमोशन के लाभ के लिए जंग, जानिए पैरालिसिस ऑफिसर की दास्तां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार की सेवा में तय समय तक ड्यूटी करने के बाद अधिकारी को प्रमोशन दिया जाता है । यदि प्रमोशन देना संभव नहीं हो तो प्रमोशन के तौर पर मिलने वाले लाभ दिए जाते हैं। कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज नागपुर में अधिकारी रहे आर. एस. गवली 2008 में सेवानिवृत्त हुए और प्रमोशन का लाभ (एसीपी) के लिए सिस्टम से उनका संघर्ष आज भी जारी है। 70 साल की आयु पार कर चुके गवली लकवाग्रस्त होने के बावजूद अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
उचित जवाब नहीं मिला
कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज नागपुर में सहायक निदेशक राजभाषा सेक्शन में कार्यरत आर. एस. गवली को तय समय पूरा करने के बाद भी उपनिदेशक के तौर पर पदोन्नति नहीं मिली। पदोन्नति नहीं देने पर एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेसन (एसीपी) का लाभ भी नहीं मिला। 30 नवंबर 2008 को रिटायर्ड हुए गवली ने इसके लिए विभाग को कई बार निवेदन दिए, लेकिन उचित जवाब नहीं मिला। लकवाग्रस्त होने से चलना-फिरना या ठीक से बोलना भी नहीं होता, लेकिन हक की लड़ाई रिटायरमेंट के 10 साल बाद भी जारी है। पदोन्नति लाभ (एसीपी) क्यों नहीं दिया, इसका कारण भी नहीं बताया गया।
मुझे मेरा हक चाहिए
मुझसे चलना-फिरना नहीं होता। बोलने में भी परेशानी होती है। लकवे से पीड़ित हूं, लेकिन अधिकार के लिए सिस्टम से लड़ाई जारी रहेगी।
-आर. एस. गवली.
सहानुभूतिपूर्वक विचार होना चाहिए
जिस अधिकारी ने तीन दशक तक विभाग की सेवा की, उसके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार होना चाहिए। एसोसिएशन की तरफ से यह मुद्दा वरिष्ठ अधिकारी, बोर्ड अध्यक्ष व मंत्रालय तक उठाया गया, लेकिन जवाब नहीं मिला।
-संजय थूल, महासचिव कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज एससी- एसटी-ओबीसी कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन.
मैं खुद इस मामले को देखूंगा
इस मामले में पहले क्या हुआ, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। पीड़ित नए सिरे से कार्यालय में अपनी मांग के संबंध में पत्र भेजें। पूरे मामले पर गंभीरता से विचार होगा।
-रणजीत कुमार, सह आयुक्त मुख्य आयुक्तालय जीएसटी, कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज, भोपाल
Created On :   24 April 2019 12:00 PM IST