सरकारी केंद्रों में वजन किए बगैर ही हो रही धान खरीदी 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
किसानों में तीव्र असंतोष  सरकारी केंद्रों में वजन किए बगैर ही हो रही धान खरीदी 

डिजिटल डेस्क,घोट (गड़चिरोली) । आदिवासी विकास महामंडल और मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से चामोर्शी तहसील के ग्राम घोट में आरंभ किए गए  सरकारी धान खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ सीधी लूट की जा रही है। ट्रैक्टर अथवा बैलगाड़ी में लदे धान के बोरों में से केवल एक ही बोरे का वजन कर इसी एक बोरे के अनुपात में अन्य बोरों का वजन निर्धारित किया जा रहा है, जिसमें किसानों को हजारों रुपए का घाटा सहन करना पड़ रहा है। विभाग की इस नीति के कारण किसानों में असंतोष भी व्यक्त होने लगा है लेकिन अब धान बिक्री के लिए मंगलवार का दिन ही अंतिम होने के कारण किसानों को भी अनायस घाटा सहन करना पड़ रहा है। 

घोट में आदिवासी विकास महामंडल द्वारा आदिवासी विविध सहकारी संस्था की ओर से 1 और मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से 1 ऐसे कुल 2 सरकारी धान खरीदी केंद्र आरंभ किए गए हैं। सरकारी नियमों के अनुसार, किसानों द्वारा लाए गए धान के सभी बोरों का वजन करना आवश्यक है। मात्र इस नियम की घोट के दोनों खरीदी केंद्र में सरेआम धज्जियां उड़ायी जा रहीं हैं। सरकार ने 8 फरवरी तक धान खरीदी प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं।  इस कारण किसान बड़ी संख्या में केंद्र में पहुंचकर अपना धान बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इसी मौके का लाभ उठाते हुए केंद्र संचालकों द्वारा किसानों के केवल एक ही बोरे का वजन किया जा रहा है। यदि एक बोरे का वजन 40 किलो होता है तो सभी बोरे का वजन भी 40 किलो के हिसाब से ही लिखा जा रहा है। एक ही बोरे का वजन कर सारा धान खरीदा जा रहा है, जिसमें किसानों को हजारों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है।  इस संदर्भ में आदिवासी विकास महामंडल और मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नियमों का पालन नहीं किए जाने का आरोप किसानों ने लगाया है। नियमों के तहत धान की खरीदी करने और खरीदी प्रक्रिया की अवधि बढ़ाने की मांग अब किसानों द्वारा जोर पकड़ने लगी है। 

समय कम है, इसलिए नहीं हो रहा सभी बोरों का वजन 
मंगलवार, 8 फरवरी तक ही धान खरीदी प्रक्रिया चलायी जाएगी। पिछले दो दिनों से केंद्र में किसानों की काफी भीड़ इकट्ठा हो रही है। सारे बोरों का वजन किया गया तो समय नहीं बचेगा। इस कारण एक या दो बोरों का वजन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में किसानों का कोई नुकसान नहीं हो रहा है। 
-बबन मेश्राम, प्रबंधक, आदिवासी विविध कार्यकारी सहकारी संस्था, घोट 

जांच की जाएगी 
नियमों के तहत सभी बोरों का वजन करना आवश्यक है। यदि घोट के केंद्रों में इस तरह का मामला उजागर होता तो इसकी गहनता से जांच की जाएगी। 
-गजानन कोटलावार, प्रादेशिक प्रबंधक, आदिवासी विकास महामंडल गड़चिरोली 

Created On :   8 Feb 2022 3:18 PM IST

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