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"वन हेल्थ' की अवधारणा के अनुरूप संगठित होकर करें प्रयास : डॉ. तेवतिया
डिजिटिल डेस्क, अमरावती। पशुओं में तेजी से फैल रही लम्पी बीमारी के मामले में अमरावती जिले में केन्द्रीय टीम पहुंच गई है। टीम ने जहां इस महामारी की समीक्षा की, वहीं इसकी रोकथाम के लिए पर्यावरण और पशु स्वास्थ्य की रक्षा करना मानव स्वास्थ्य के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। तदनुसार, "एक स्वास्थ्य" की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए संगठित प्रयास करने का निर्देश केंद्रीय टीम के सदस्य और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजयकुमार तेवतिया ने दिया । वे मवेशियों में लम्पी के खिलाफ किए गए उपायों की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। पशुपालन कार्यालय में हुई बैठक में डॉ. तेवतिया के साथ बेंगलुरु के निवेदी संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डॉ. मंजूनाथ रेड्डी, सहायक पशुपालन आयुक्त सुनील लहाने शामिल हैं।
संयुक्त आयुक्त डॉ. मोहन गोहात्रे, उपायुक्त डॉ. नितिन फुके, उपायुक्त डॉ. डॉ. संजय कावरे, जिला पशुपालन पदाधिकारी पुरुषोत्तम सोलंके, सहायक आयुक्त डॉ. नंदकिशोर मुश्किल, डॉ. राजीव खेरडे आदि मौजूद थे। डॉ. तेवतिया ने कहा कि मनुष्य, पशु, पर्यावरण सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए "वन हेल्थ " की अवधारणा के अनुसार वायरल रोगों के साथ-साथ महामारियों को नियंत्रित करने के लिए सार्वभौमिक, संगठित और निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए। उसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वशासी निकायों का समन्वय समान रूप से महत्वपूर्ण है। स्थानीय निकायों को नियमित स्वच्छता, जल स्रोतों की सुरक्षा, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए। गांठदार बीमारी से बचाव के लिए तुरंत इलाज बहुत जरूरी है। कई जगहों पर यह पाया जाता है कि जानवर जानवरों में संक्रमण के तीन-चार दिन बाद जांच के लिए आते हैं। पशु का दूध कम होने या लार टपकने पर तत्काल जांच आवश्यक है। उसके लिए पशुपालकों तक पहुंचें और उन्हें सूचित करने की सलाह दी । पशु प्रेमियों या स्थानीय कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनजागरूकता व सर्वे करने सहित कई दिशा निर्देश केन्द्रीय टीम ने दिए।
Created On :   24 Nov 2022 2:18 PM IST