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कुलगुरु के फैसले पर स्थगन नामांकन स्वीकारने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी के उस फैसले पर स्थगन लगाया है, जिसमें कुलगुरु ने पूर्व सीनेट सदस्य एड. मनमोहन बाजपेयी को अपात्र करार दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने नागपुर विश्वविद्यालय को आदेश दिया है कि सीनेट चुनावों के लिए याचिकाकर्ता का नामांकन भी स्वीकार किया जाए। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण को अपने फैसले के अधीन रखा है।
फैसले के पीछे कई कारण
बीते अगस्त में नागपुर विवि ने एड. बाजपेयी को अपात्र करार दे दिया था। इसका कारण बताते हुए विवि ने लिखा था कि विवि के गोपनीय मुद्दों पर प्रसार माध्यमों से चर्चा करने और विवि प्र-कुलगुरु डॉ. संजय दुधे तथा कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे के साथ अशोभनीय बर्ताव के कारण एड. बाजपेयी को अपात्र करार दिया जा रहा है, लेकिन विवि के इस फैसले के पीछे कई कारण बताए जा रहे थे । एड. बाजपेयी ने विवि में एमकेसीएल कंपनी की अवैध नियुक्ति और ठेकेदारों को काम देने में अनियमितता के मुद्दे उठाए थे। इसी कारण विवि ने बदले की भावना से यह फैसला लिया, ऐसा बाजपेयी ने आरोप लगाया था। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कुलगुरु के फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने बीते 4 नवंबर को कुलगुरु व विवि प्रशासन को नोटिस जारी किया था। इस मामले में बार-बार मौका देने पर भी विवि की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किया।
Created On :   11 Nov 2022 7:15 AM GMT