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पोस्ट पेमेंट बैंक में महज 7 करंट अकाउंट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पोस्टल विभाग को बैंक खोलने की अनुमति दो साल पहले दी और 1 सितंबर 2018 को नागपुर में पोस्ट पेमेंट बैंक शुरू हुआ। पोस्ट पेमेंट बैंक में महज 7 करंट अकाउंट व 2841 बचत खाते है। बैंक के पास खाताधारकों के केवल 15 लाख 75 हजार 833 रुपए ही जमा होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। पोस्टल विभाग बैंक शुरू करने देने की परमिशन आरबीआई से कई सालों से मांग रहा था। आरबीआई ने दो साल पहले पोस्टल विभाग को बैंक शुरू करने की अनुमति दी और 1 सितंबर 2018 को नागपुर के जीपीओ में पोस्ट पेमेंट बैंक शुरू हुई। बैंक के 6 माह के रिकार्ड पर गौर करे तो केवल 7 करंट अकाउंट ही खुल सके हैं। इसीतरह 2841 बचत खाते खुल सके है। बैंक के पास खाताधारकों की 15 लाख 75 हजार 833 रुपए ही जमा हैं। यानी बैंक के पास बेहद कम रकम जमा है। बैंक ने अब तक कितने लोगों को कर्ज (लोण) दिया, इसका रिकार्ड तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक निजी वित्तीय कंपनी के साथ जीवन बीमा करने का एग्रीमेंट किया है। बैंक की तरफ से लोगों का बीमा भी कराया जाता है।
अब तक नहीं जुड़े व्यापारी
बैंक की प्रगति उसके पास जमा अंशपूंजी (शेयर कैपिटल) व खाते पर निर्भर होती है। करंट अकाउंट सामान्यत: व्यापारी खोलते है। यहां महज 7 करंट अकाउंट होने से व्यापारी अभी तक इस बैंक से जुड़ नहीं सके है। बचत खाते की अपेक्षा करंट अकाउंट में मोटी रकम होती है। करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन भी ज्यादा होता है।
केवल एक शाखा
पोस्ट पेमेंट बैंक की नागपुर में केवल एक शाखा है। केवल जीपीओ में यह शाखा है। बैंक इसी जगह से शुरू हुआ और अब तक नागपुर में इसका विस्तार नहीं हो सका है। जो ट्रांजेक्शन व खाते हैं, उससे इसके तेजी से विस्तार की संभावना कम दिखाई दे रही है। बैंकिंग क्षेत्र में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है और इसमें बने रहने के लिए पोस्ट पेमेंट बैंक को बहुत कुछ नया करने की जरूरत है।
दो जगह हैं एटीएम मशीनें
पोस्टल विभाग ने अपने खाताधारकों की सुविधा के लिए एटीएम कार्ड की सुविधा दी है। जीपीओ व इतवारी पोस्ट आफिस में एटीएम मशीनें है। शहर में शुरू से दो एटीएम मशीनें है।
Created On :   20 April 2019 5:26 AM GMT