सीएसटीपीएस में बचा है केवल 7 दिन का कोयले का स्टॉक

Only 7 days coal stock left in CSTPS
सीएसटीपीएस में बचा है केवल 7 दिन का कोयले का स्टॉक
चंद्रपुर सीएसटीपीएस में बचा है केवल 7 दिन का कोयले का स्टॉक

डिजिटल डेस्क,  चंद्रपुर।  कोयले की किल्लत के कारण पूरे राज्य में बिजली निर्माण का संकट आ गया है। देश के सबसे बड़े चंद्रपुर महाऔष्णिक बिजली केंद्र में वर्तमान में 7-8 दिनों का कोयले का स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा कोयले की आपूर्ति जारी होने की जानकारी मिली है।  गौरतलब है कि, 2920 मेगावाट क्षमता वाले चंद्रपुर महाऔष्णक बिजली केंद्र में 210 मेगावाट क्षमता के 2 और 500 मेगावट क्षमता 5 यूनिट है। प्रदूषण का कारण बन रही यूनिट क्र.1 व 2 को कुछ वर्ष पूर्व ही बंद कर दिया गया। अभी यूनिट क्र.3 से 9 तक शुरू है।

यूनिट 2 और 3 के लिए प्रतिदिन 6 हजार 800 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है। वहीं 5, 6 व 7 क्रमांक की यूनिट के लिए 23800 तो कुछ वर्ष पूर्व बने यूनिट क्र.8 व 9 के लिए 14 हजार 400 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है। सीएसटीपीएस प्रशासन के अनुसार अगर सभी यूनिट पूर्ण क्षमता से चलती है तो प्रतिदिन 40 से 45 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है। कम लोड से चलने पर कोयला कम लगता है। पर्याप्त कोयला होने के चलते अन्य बिजली केंद्रों की तरह चिंता की बात नहीं है। 2920 मेगावाट क्षमता वाले सीएसटीपीएस से शुक्रवार शाम 7.30 बजे तक 2083 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।

10 लाख मीट्रिक टन तक कर सकते हैं भंडारन
-वर्तमान स्थिति में सीएसटीपीएस में करीब साढ़े 3 लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडार है, जो 7-8 दिन का है। 
-सीएसटीपीएस में 10 लाख या उससे अधिक मीट्रिक टन कोयले का भंडारन करके रख सकते हैं। बरसात के दिनों में 10 लाख मीट्रिक टन कोयला भंडारन करके रखते भी हंै किंतु नियमित कोयले की आपूर्ति होने और अधिक कोयला भंडारन करके रखने के लिए कोयला कंपनी को इतना भुगतान करने के लिए असमर्थ रहने के चलते इससे अधिक भंडारन करके नहीं रखा जाता। 
-सीएसटीपीएस में कोल इंडिया के डब्ल्युसीएल, एससीसीएल, एमसीएल, एसईसीएल के खदानों से कोयला रेलवे, रोपवे, ट्रक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से आता है। अधिकांश कोयला की आपूर्ति परिसर के खदानों से ही होती है।

 
 

Created On :   16 April 2022 2:43 PM IST

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