- Home
- /
- तिजोरी में सिर्फ 30 करोड़ा, हर महीने...
तिजोरी में सिर्फ 30 करोड़ा, हर महीने का खर्च 120 करोड़
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा चुनाव सिर पर है और जनप्रतिनिधियों को जनता के सामने जाना है। लंबित काम को लेकर नगरसेवकों का दर्द किसी से छुपा नहीं है। कामों को लेकर प्रशासन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच प्रशासन ने कच्चा-चिट्ठा सामने रखकर सत्तापक्ष को आईना दिखा दिया है। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने ऑनलाइन सभा के सामने आर्थिक वर्ष 2021-22 का लेखा-जोखा पेश करते हुए बताया कि 15 सितंबर तक 1074 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इसमें से सब बांटने के बाद अब मनपा तिजोरी में सिर्फ 30 करोड़ रुपए ही शेष हैं।
सत्तापक्ष-विपक्ष दोनों हैरान : आयुक्त के इस खुलासे ने सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्यों की रंगत उड़ा दी है। ऐसे में अब आने वाले समय में विकास कार्यों से लेकर कर्मचारियों के वेतन-पेंशन को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मनपा को कर्मचारियों के पगार, पेंशन, बिजली, कच्चा पानी, स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट जैसे आवश्यक खर्च (कमिटेड एक्सपेंडिचर) के लिए हर महीने कम से कम 120-121 करोड़ रुपए की जरूरत है। पगार के लिए 35 करोड़ और पेंशन के लिए 18 करोड़ रुपए तो हर महीने चाहिए। जब तिजोरी में 30 करोड़ ही बचे हैं, तो शेष पैसा कहां से आएगा, यह सवाल परेशान करने लगा है।
हैरान करने वाले आंकड़े
सोमवार को मनपा की ऑनलाइन विशेष सभा में प्रशासन द्वारा वर्ष 2020-21 और 2021-22 की आय और खर्च का विस्तृत ब्योरा दिया गया।
प्रशासन ने बताया कि चालू आर्थिक वर्ष में 15 सितंबर तक मनपा को 1074 करोड़ की आय हुई। 255.54 करोड़ मनपा के स्रोतों से मिले थे।
जीएसटी अनुदान 701 करोड़, सरकार से प्राप्त अन्य अनुदान से 116.32 करोड़ रुपए है। कुल आय में 76.98 करोड़ एनईएसएल को दिए गए।
आवश्यक खर्च 706.47 करोड़, अन्य खर्च 207.23 करोड़ सहित कुल आय के 968 करोड़ खर्च हुए हैं। तिजोरी में सिर्फ 30 करोड़ शेष हैं।
15 सितंबर तक प्राप्त राजस्व में 30 प्रतिशत तक आय कम हुई है। वर्ष के अंत तक इसमें 650 करोड़ रुपए की कमी रहने की संभावना है।
अवगत कराता रहा प्रशासन
पालिका की आर्थिक परिस्थिति को देखते हुए अनेक वर्ष के अ-नियोजन का आईना सबके सामने रखा गया। पूर्व आयुक्त तुकाराम मुंढे ने मनपा की आर्थिक स्थिति को रखकर अनुशासन लाने की कोशिश की थी। मौजूदा आयुक्त राधाकृष्णन बी. भी लगातार इससे अवगत कराते रहे हैं।
पिछले वर्ष 71.12% ही आय हुई
वर्ष 2020-21 में मनपा को 1942.72 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इसमें मनपा की आय 494.76 करोड़, जीएसटी अनुदान 1158.02 करोड़, अन्य अनुदान 290.12 करोड़ रुपए था। इस आर्थिक वर्ष में आवश्यक खर्च 1207.57 करोड़, अन्य खर्च 639.72 करोड़, एनईएसएल को 162.16 करोड़ रुपए देने के बाद 1847 करोड़ रुपए खर्च हुए। 2020-21 आर्थिक वर्ष में कुल बजट के 71.12 प्रतिशत ही आय हुई थी।
जो मिला था, वह पैसा भी सरकार ने वापस लिया
पिछले 15 साल में आय के अनेक स्रोत निर्माण किए गए हैं। उसका ठीक से क्रियान्वयन करने पर आय में निश्चित बढ़ोतरी होगी। जनता के हित में विकास कार्य करने के लिए आवश्यक निधि उपलब्ध होने की दृष्टि से प्रशासन आय स्रोतों पर विशेष ध्यान दें। आय बढ़ाने के लिए नये स्रोत भी बढ़ाए जाएं। कोरोनाकाल में अनेक विकास काम नहीं हो सके। डेढ़ साल में प्रशासन सरकार के निर्देशों के कारण काम नहीं कर सका। अन्य काम भी नहीं हो सके। सरकार से प्राप्त निधि भी वापस ली गई।
-दयाशंकर तिवारी, महापौर
जनता को न्याय देने के लिए काम करें
जनता को न्याय देने का महत्वपूर्ण कार्य प्रशासन से अपेक्षित है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों में असमन्वय के कारण कार्य में दिक्कतें निर्माण होती हैं। यह गंभीर है। जनता के हित में गलत है। प्रशासन को गंभीरता से इसका संज्ञान लेकर जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर जनता को न्याय देना चाहिए।
-अविनाश ठाकरे, सत्तापक्ष नेता
Created On :   28 Sept 2021 1:24 PM IST