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एक तरफ हिंसक पशु दूसरी तरफ न फसलों को सही दाम न रोजगार
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । जिले की पोंभुर्णा तहसील में मानव वन्यजीव संघर्ष, पगडंडी, रोजगार की समस्या और प्रमुख फसल धान को उचित दाम न मिलने से किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैंै। उद्योग रहित तहसील की वजह से सुशिक्षित बेरोजगारों की फौज खड़ी है। तहसील का यह चित्र बदलने के लिए कटिबद्ध हैं। यह विचार सांसद बालू धानोरकर ने व्यक्त किए। घने जंगलों से घिरे पोंभुर्णा तहसील और जिले में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। इसका नतीजा है कि इस वर्ष 11 महीने में हिंसक पशुओं के हमले में 44 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें 38 की बाघ और 6 की तेंदुए के हमले में जान गई। इसलिए मानव वन्यजीव संघर्ष टालने के लिए वनविभाग के साथ अनेक बैठक आयोजित कर निर्देश दिए गए हैं। बावजूद वनविभाग ने आज तक गंभीरता से नहीं लिया है, आगामी 15 दिनों में ठोस उपाय योजना न किए जाने पर वनविभाग के खिलाफ तीव्र आंदोलन की चेतावनी उन्होंने दी है।
राज्य के एकमात्र कांग्रेसी सांसद धानोरकर ने बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पोंभुर्णा तहसील का दौरा किया। इस दौरान सांसद ने तहसील के डोंगरहलदी, बोर्डा झुल्लुरवार, घनोटी नं. 2, उमरी पोतदार आदि गांव पहुंचे जहां पर प्रमुख रूप से पगडंडी मार्ग की समस्या है इस वजह से किसानों को खेत आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सुशिक्षित बेरोजगारों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए गांव में ग्रंथालय की आवश्कता है। जिससे पठन संस्कृति बनी रहेगी और उद्योगरहित तहसील के सुशिक्षित बेरोजगार परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। किसानों का उत्पादित माल बाजार ले जाने के लिए मार्ग न होने की वजह से भी किसानों को दिक्कत हाती है। इसलिए उनकी समस्या निवारण के लिए प्रयास का आश्वासन दिया है। अनेक गांव वासियों ने अपनी समस्याओं से सांसद को अवगत कराया। सांसद के साथ कांग्रेस नेता घनश्याम मुलचंदानी, प्रकाश पाटील मारकवार, जिप के पूर्व उपाध्यक्ष विनोद अहिरकर, रवि मरपल्लीवार, विलास मोगरकर, ओमेश्वर पद्मगिरवार , जयपाल गेडाम, अशोक गेडाम, नंदू बुरांडे, धम्मा निमगडे, राकेश नैताम, प्रशांत झाडे, आशिष अहिरकर, अंशुल मोरे आदि उपस्थित थे।
Created On :   6 Dec 2022 1:23 PM IST