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बड़े पैमाने पर बिक रहा नायलोन मांजा
डिजिटल डेस्क, अकोला । इन दिनों मकर संक्रांति समीप होने के कारण पतंगबाजी का शौक बढ़ रहा है। आकाश में परवाज करने वाली पतंगों को काटने के लिए एक से बढ़कर एक पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। इसी में चायनीज मांझे की शक्ल में निर्मित नायलोन मांजा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जो पशु, पक्षी ही नहीं नागरिकों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आने के कारण अकोला की जिलाधिकारी नीमा अरोरा ने जिले में नायलोन मांजे के इस्तेमाल तथा बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। पतंगबाजी के कारण घायल हुए परिंदे या मवेशी दिखाई देने पर उन्हें इलाज के लिए सेव बर्डस इस सेवा भावी संस्था को सौंपे ऐसी अपील भी जिलाधिकारी ने की है।
यह दिए निर्देश
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि नायलोन मांजा इस नाम से परिचित पक्के धागे के चलते पशु–पक्षी तथा मनुष्य को जान का खतरा होता है। पतंग के साथ टूटा हुआ मांजा तथा धागे के टूकडे जमीन पर गिरते है जो विघटीत नहीं होते जिससे वे गटर या नदी नालों में प्राकृतिक प्रवाह में बाधा खड़ी करते हैं। गाय या अन्य पशु यदि नायलोन मांजा लिपटे खाद्य सेवन करें तो वह उनके लिए जानलेवा साबित होता है। पतंग काटने के चक्कर में धागे को खींचने से बिजली तारों के संपर्क आने से चिंगारियां निकलती है जिससे बिजली आपूर्ति खंडित हो सकती है। दुर्घटनाएं बढ़ सकती है। इस संदर्भ में मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने नायलोन मांजे की पाबंदी को कड़ाई से अमल में लाने के लिए हर शहर में विशेष दल गठित करने के आदेश दिए हैं। इसलिए पाबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर। इस मांजे के इस्तेमाल के खिलाफ व्यापक जनजागृति के निर्देश दिए हैं। लिहाजा अकोला जिलाधिकारी ने पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत आदेश जारी किए हैं।
जांच दल सदस्य
जिलाधिकारी ने नायलोन मांजे की पाबंदी के लिए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक के जरिए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही जो दल गठित किया है उसमें मनपा आयुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक, उप वन संरक्षक, उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला प्रशासन अधिकारी, नगर पालिका प्रशासन का समावेश है। इन अधिकारियों ने तथा उनके अधिनस्त विभागों को इस संदर्भ में अमल करने तथा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार प्रदान किए गए हैं। जबकि आकाश में विचरण करने वाले परिंदों को मांजे से हानि पहुंचती है ऐसे घायल पंछी सेव बर्ड अकोला में हेल्प लाइन क्रमांक 7249459666 पर संपर्क कर सौंपे जा सकते हैं।
Created On :   5 Jan 2022 4:58 PM IST