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सेंट्रल किचन से स्कूलों में पहुंचेगा पोषण आहार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शालेय पोषण आहार तैयार करने शहर में शीघ्र ही सेंट्रल किचन बनने वाला है। जिससे शालेय पोषण आहार की जिम्मेदारी का बोझ मुख्याध्यापकों के कंधों पर नहीं रहेगा। शहर के स्कूलों का पोषण आहार अब सेंट्रल किचन में पकाया जाएगा। आगामी शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत होगी। जिले में शहर क्षेत्र की 550 स्कूलों के 85 हजार विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। नागपुर शहर में मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। संपूर्ण शहर का भोजन एक जगह पकाकर स्कूलों को आपूर्ति करने के लिए ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा।
अदालत के निर्देश पर निर्णय
सेंट्रल किचन नागपुर जिले में नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र, रामटेक और कामठी नगर परिषद क्षेत्र में आगामी शैक्षणिक सत्र में शुरू करने की योजना बनाए जाने की जानकारी मिली है। संपूर्ण शहर के लिए एक सेंट्रल किचन शेड रहेगा। क्षेत्र की सभी स्कूलों को भोजन एक जगह पकाकर स्कूलों में आपूर्ति की जाएगी। निकृष्ट गुणवत्ता का पोषण आहार दिए जाने की शिकायतें मिलने से उच्च न्यायालय के निर्देशों पर सेंट्रल किचन शेड प्रणाली शुरू करने का सरकार ने निर्णय लिया है।
अनुभवी को दिया जाएगा ठेका
सेंट्रल किचन का ठेका अनुभवी ठेकेदार को दिया जाएगा। ठेका लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति के पास भोजन बनाने के लिए आवश्यक रसोईघर की सुविधा रहने पर उसे सेंट्रल किचन की अनुमति दी जाएगी। शहर की अनेक स्कूलों में भोजन आपूर्ति कर रही अक्षयपात्र संस्था भी ठेका प्रक्रिया में सहभागी हो सकती है। सेंट्रल किचन प्रणाली से मुख्याध्यापकों के कंधों का बोझ कम हो जाएगा।
महिला बचत समूह होंगे बेरोजगार
शालेय पोषण आहार की जिम्मेदारी अधिकांश स्कूलों में महिला बचत समूह संभाल रहे हैं। चावल, दाल तथा अन्य सामग्री सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से स्कूलों को सप्लाई की जाती है। ईंधन खर्च के रूप में पहली से 5वीं कक्षा के लिए 4 रुपए 35 पैसे और 6वीं से 8वीं कक्षा के लिए 6 रुपए 51 पैसे प्रति विद्यार्थी महिला बचत समूह को दिया जाता है। इसमें से महिला बचत समूहों को रोजगार मिल रहा है। सेंट्रल किचन शेड बनने पर महिला बचत समूहों को जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा। हाथ का काम चला जाने से महिला बचत समूह बेरोजगार हो जाएंगे।
Created On :   6 May 2019 11:46 AM IST