सुविधाओं की कमी से छलका सब्र, काम छोड़कर निकला नर्सिंग स्टॉफ
- नर्सिंग स्टाफ परेशान
- जरूरी सुरक्षा के बगैर काम नहीं करने की दी चेतावनी
- मेडिकल प्र्रशासन ने दिया जल्द मांग पूरा करने का आश्वासन
- सामान्य वार्ड में भर्ती कोरोना पीड़ित के बीमार भाई से संपर्क में आए थे डॉक्टर
- नर्स व कई मरीजों के परिजन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कोरोना के मरीजों का उपचार मेडिकल और मेयो में चल रहा है। संभावित मरीजों का इन्हीं दोनों अस्पतालों में भेजा जा रहा है और पॉजिटिव आने पर उपचार भी वहीं हो रहा है। हालांकि दोनों ही अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को मेडिकल में नर्सिंग स्टाफ ने आवश्यक संसाधनों जैसे मास्क, पीपी किट के कमी से परेशान हो कर वार्ड छोड़ दिया और इसके बारे में मेट्रन और डीन से बात करने चल पड़े। हालांकि संबंध अधिकारियों के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ काम पर लौट आया है। विदर्भ नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष कल्पना विचुलकर ने बताया कि 24 मार्च को ही मेडिकल के डीन और सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर जरूरी सुरक्षा संसाधन की मांग की गई लेकिन अब तक सामान उपलब्ध नहीं कराया गया। मास्क और पीपी किट की कमी तो है ही पांच बोतल स्टरेलाइजर की जगह एक बोतल से काम चलाने का कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेयाे भी नर्सिंग स्टाफ को जरूरी संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है।
सामान्य वार्ड में भर्ती निकला पॉजिटिव
जरीपटका के पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज के बीमार भाई को मेडिकल में सामान्य वार्ड नं 36 में भर्ती किया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सामान्य वार्ड में उसके संपर्क में डॉक्टर, नर्स, अन्य कर्मचारी व कई मरीजों के परिजन संपर्क में आए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संपर्क में आए डॉक्टरों को क्वांटाइन किया गया है लेकिन अन्य स्टाफ के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस घटना से नर्सिंग स्टाफ का सब्र चूक गया। पर्याप्त सुरक्षा के बगैर के काम करने से इनकार कर वार्ड छोड़ने का निर्णय लिया।
नर्सिंग स्टाफ की उपेक्षा
पत्र लिखकर मांग के बावजूद हमारी मांगे पूरी नहीं हुई। बगैर पूरी स्क्रीनिंग के मरीज को सामान्य वार्ड में भर्ती कर मेडिकल स्टाफ को खतरे में डाल दिया गया। कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं और संसाधन की कमी के कारण काम करने वालों को परेशानी आ रही है। नर्सिंग स्टाफ की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पहले बात करने कोई राजी नहीं हुआ। काम छोड़ने पर जल्द से जल्द मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया गया है।
- कल्पना विचुलकर, अध्यक्ष, विदर्भ नर्सिंग एसोसिएशन
Created On :   30 March 2020 5:01 PM IST
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