पहले से ही प्रदूषित चंद्रपुर  में पसरी अब बारुद की धुंध

Now the mist of gunpowder spread in the already polluted Chandrapur
पहले से ही प्रदूषित चंद्रपुर  में पसरी अब बारुद की धुंध
चंद्रपुर पहले से ही प्रदूषित चंद्रपुर  में पसरी अब बारुद की धुंध

नीलेश व्याहाड़कर, चंद्रपुर।   महराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने चंद्रपुर को राज्य में सर्वाधिक प्रदूषित शहर क्षेत्र भी घोषित किया है। पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रहे चंद्रपुर के प्रदूषण में दीपावली पर दुगनी बढ़ोतरी होने की बात सामने आयी है। इस प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। पिछले वर्ष दीपावली के प्रदूषण की तुलना में इस वर्ष प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा है।  25 अक्टूबर को सर्वाधिक 246 एक्युआई दर्ज किया है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी घातक होने की बात बताई गई, जिससे इस बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण प्रेमी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार ब्लैक गोल्ड सिटी, औद्योगिक नगरी से प्रसिद्ध चंद्रपुर जिले की पहचान है। यहां जीतने उद्योग हैं, उनकी तुलना में कई गुणा प्रदूषण भी बढ़ रहा है। ऐसे में दीपावली पर पटाखों के कारण प्रदूषण और बढ़ गया है। एशिया का सबसे बड़ा पॉवर स्टेशन चंद्रपुर में है। जिले में कई कोयला खदानें हैं, लघु उद्योग, एमआईडीसी के कारण यहां के लाेगों को बड़े पैमाने पर प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है। चंद्रपुर के प्रदूषण को लेकर कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने आवाज उठाई किंतु उनकी आवाज सरकार तक नहीं पहुंच सकी। सरकार भी चंद्रपुर के प्रदूषण को लेकर आंखे मूंदे बैठी है। बिजली उत्पादन केन्द्रों की चिमनियों से उठते धुएं, सीमेंट उद्योग, कोयला खदानों, लोहे और स्टील के कल कारखानों, बल्लारपुर पेपर मिल और बड़ी संख्या में सड़क पर दौड़ते यातायात की वजह से चंद्रपुर में कार्बन उत्सर्जन के कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बरसात के दिनों में प्रदूषण में कमी आयी थी किंतु अब ठंड के मौसम में यह बढ़ गया है।  दीपावली में बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए जाने से प्रदूषण के एयर क्वालिटी इंडेक्स में वृद्धि हुई है। 

खराब सड़कों से उड़नेवाली धूल से परेशानी :  खराब सड़के और वाहन गुजरने के बाद उड़नेवाली धूल से भी नागरिक त्रस्त हैं, उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। चंद्रपुर के इलाकों में घरेलू कामकाज के लिए सिगड़ी में कोयला जलाया जाता है, उससे भी प्रदूषण होता है। 

मास्क का करें उपयोग 
पटाखों से होने वाला प्रदूषण काफी घातक है। इस  कारण अस्थमा, खांसी, दमा, एलर्जी, सर्दी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में मास्क का उपयोग करना चाहिए। पटाखे नहीं जलाने चाहिए।- डॉ.अनूप वासाड़े, ह्दयरोग विशेषज्ञ

बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय 
चंद्रपुर की पहचान प्रदूषित शहर के नाम से है। यह चिंता का विषय है। प्रदूषण के रोकथाम पर उपाय योजना करना आवश्यक है। पटाखों के कारण प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ है। पटाखे जलाना हमारी संस्कृति नहीं है। दीपावली पर दीप जलाए जाते हंै। पटाखों के कारण वायू, ध्वनि प्रदूषण होने के साथ इस वर्ष पटाखों कारण कई लोग जलने की घटना सामने आयी है, जिससे पटाखे मुक्त पर्यावरण पुरक दीपावली मनानी चाहिए।  -प्रा. सुरेश चोपणे, अध्यक्ष ग्रीन प्लैनेट सोसाइटी
 

Created On :   27 Oct 2022 3:55 PM IST

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