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अब थाली में पौष्टिक आहार बढ़ाने पर जोर देगी सरकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब थाली में पौष्टिक आहार बढ़ाने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू की है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से इसके लिए पहल की गई है। नागपुर जिले में कृषि विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि संस्था के माध्यम से इसकी उपज बढ़ाने के लिए किसानों को वहीं व्यापारियों को इसे ग्राहकों तक किस तरह से पहुंचाया जाए इस बारे में मार्गदर्शन किया जाएगा। ताकि वर्ष 2023 तक अंतरराष्ट्रीय पौष्टिक आहार दिवस मनाया जा सके।
प्रचार-प्रसार की कमी
कृषि जानकारों की मानें तो पहले थाली में परोसा जाने वाला आहार में ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी, दादली, नाचनी आदि आहार होता था। जो शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद रहता था। सामान्य लोगों के लिए यह जितना जरूरी है, उससे ज्यादा महिलाओं के लिए यह आहार वरदान से कम नहीं है। वर्तमान स्थिति में भी छोटे गांव या आदिवासी क्षेत्र में इसी आहार को अपनाया जा रहा है। जिसके कारण उन्हें किसी तरह की बीमारियां आदि नहीं होतीं। लंबी आयु भी बनी रहती है। स्वस्थ तरीके से जिंदगी जीते हैं, लेकिन यह आहार शहरी क्षेत्र में लोगों के थाली तक नहीं पहुंच रहा है। जिसका मुख्य कारण इसके बारे में प्रचार-प्रसार की कमी है। ऐसे में इसे बाजार में भी भाव नहीं मिलता है। परिणाम स्वरूप किसान भी इन उपजों की ओर ध्यान नहीं देता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
दिया जा रहा जोर
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से पूरे देश में इसको बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। जिसके लिए हाल ही में उनके द्वारा एक ऑनलाइन कार्यशाला भी ली गई है। जिसमें नागपुर का कृषि विद्यापीठ आदि के कृषि अधिकारियों के साथ किसान भी जुड़े थे। आने वाले समय में उक्त कृषि से जुड़ी संस्था से लेकर कृषि महाविद्यालय आदि किसानों में पोषक आहार की खेती करने को लेकर मागदर्शन कर इसकी उपज बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
ली गई ऑनलाइन कार्यशाला
17 सितंबर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से ऑनलाइन आयोजित कार्यशाला में पोषक आहार के प्रचार-प्रसार के लिए मार्गदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया था। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि अकोला कृषि विद्यापीठ के कार्यकारिणी परिषद सदस्य के रूप में डॉ. सी डी मायी उपस्थित थे। अध्यक्ष के रूप में नागपुर कृषि विद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. डी एम पंचभाई उपस्थित थे। प्रसारण के आयोजक डॉ. मिलिंद राठोड आदि उपस्थित थे।
Created On :   22 Sept 2021 8:53 AM GMT