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जिला अस्पताल में कार्यरत रहते हुए निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को नोटिस
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डिजिटल डेस्क, बीड । जिला अस्पताल में कार्यरत रहते हुए निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है यह नोटिस डॉ. सुरेश साबले, जिला सर्जन द्वारा जारी किया गया है । कुछ डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में काम कर वेतन प्राप्त करते हैं और काम निजी अस्पतालों में करते हैं। वे सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त समय नहीं देते जिससे सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की उचित समय पर सही इलाज नहीं हो पाता।
निजी प्रैक्टिस के मामले में डॉक्टरों पर क्या है पाबंदियां....
मरीजों के स्थाई इलाज के लिए बीड जिला अस्पताल में 315 बेड हैं लेकिन कोरोना काल में 700 से ज्यादा बेड बढ़ाए गए हैं सरकार अत्यंत गरीब रोगियों के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है हालांकि, योजना को लागू करने के लिए सिस्टम की अक्षमता के कारण स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है इससे पहले स्वास्थ्य सेवा कई बार चरमरा चुकी है । ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य सौंपे गए हैं इन सभी कार्यों के ठीक से किए जाने की अपेक्षा की जाती है इसे ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों में पूर्णकालिक सेवा प्रदान करने वाले डॉक्टरों को सरकार द्वारा विशेष भत्ता दिया जाता है हालांकि कई डॉक्टर निजी क्लीनिक चला रहे हैं, इसका असर जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों पर हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल में कार्यरत तथा प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। जिला सर्जन ने बताया कि उन्हें नोटिस दिया गया है
Created On :   24 Jun 2021 2:57 PM IST