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RTE: नहीं मिला फंड एडमिशन देने से स्कूलों ने किया इनकार
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में जारी RTE प्रवेश प्रक्रिया के बीच निजी स्कूलों ने एक बार फिर एडमिशन पर प्रतिबंध की चेतावनी दी है। स्कूल संचालक संगठनों का आरोप है बीते तीन वर्षों से उन्हें RTE एडमिशन की प्रतिपूर्ति नहीं दी गई है। उलट सरकार ने जिला स्तर पर फंड वितरित करने के लिए जो 24 करोड़ रुपए मंजूर किए, उसका वितरण भी अब तक नहीं हुआ है। ऐसे में महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन (मेस्टा) ने प्रतिपूर्ति मिलने तक विद्यार्थियों को RTE एडमिशन देने से इनकार किया है। संगठन के अनुसार स्कूलों को हर साल प्रतिपूर्ति मिलनी चाहिए।
आरोप, जान-बूझकर ऐसा किया
राज्य भर में निजी स्कूलों को वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 की 50 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति नहीं दी गई है। इसमें से जिला परिषदों को 24 करोड़ रुपए मिले हैं, लेकिन शिक्षाधिकारियों ने जानबूझ कर निधि वितरित नहीं की है। संगठन का आरोप है कि जिला परिषद में आए 24 करोड़ रुपए में से अब महज 12 करोड़ जि.प के पास शेष है, बाकी की निधि कहीं और खर्च कर दी गई है। लंबे समय से स्कूलों को प्रतिपूर्ति ना मिलने से उनका आर्थिक प्रबंधन गड़बड़ा गया है। कुछ दिनों पूर्व इसी समस्या को लेकर स्कूल संचालक संस्थाओं की बैठक भी हुई थी, जिसमें प्रतिपूर्ति न मिलने पर प्रवेश प्रक्रिया के बहिष्कार का निर्णय लिया गया था। इसके बाद प्रतिनिधिडल ने जिला प्राथमिक शिक्षाधिकारी चिंतामण वंजारी से भी मुलाकात की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। संगठन के जिलाध्यक्ष खेमराज कोंडे, सचिव कपिल उमाले व अन्य पदाधिकारियों ने प्रतिपूर्ति न मिलने पर प्रवेश प्रक्रिया के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
मिल रही पालकों की शिकायत
इधर, आरटीई प्रवेश प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग को लगातार पालकों की शिकायतें मिल रही हैं। इस में मुख्य रूप से पता बदल जाने की शिकायत है। इसी तरह एक स्कूल के खिलाफ प्रवेश के बदले में पैसे लेने के आरोप है। इस पर शिक्षा विभाग ने स्कूलों को प्रवेश के बदले पैसे न लेने की चेतावनी पत्र जारी किया है। वहीं, पालकों द्वारा जो जाति प्रमाण-पत्र की पावती जमा की जा रही है, उसमें उल्लेखित जाति आवेदन में जाति का मेल नहीं है। ऐसी समस्याओं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने समाधान केंद्र की स्थापना की है।
Created On :   23 April 2019 11:25 AM IST