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सुरजागढ़ प्रकल्प से कोई गांव नहीं होगा विस्थापित
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल, नक्सलग्रस्त, उद्योग विहिन और देश के अतिपिछड़े जिलों की सूची में शुमार गड़चिरोली जिले को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले सुरजागढ़ लौह प्रकल्प के कारण 13 गांव विस्थापित नहीं होंगे। ग्रामीणों की विचारधारा बदलने के लिए कुछ लोग इन गांवों पर विस्थापित होने का खतरा होने की अफवाह फैलाने का कार्य कर रहें है। इस तरह की किसी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील करते हुए जिला प्रशासन ने जन सुनवाई के लिए ग्रामीणों को उपस्थित रहने की सूचना दी है।
एटापल्ली तहसील की सुरजागढ़ पहाड़ी में लौह उत्खनन शुरू होते ही इसका विरोध और समर्थन किया जा रहा है। इस परियोजना को समर्थन देने वाले व्यक्तियों और संगठनों की संख्या अधिक होते देख लोगों को गुमराह करने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है। गड़चिरोली जिले में इस लौह परियोजना के कारण 13 गांव विस्थापित होने का डर लोगों में फैलाया जा रहा है। कुछ राजनैतिक पार्टियां और संगठन आगामी जिला परिषद समेत पंचायत समितियों के चुनाव को देखते हुए आदिवासी लोगों में अपप्रचार कर रहें है। एटापल्ली तहसील के पुरसलगोंदी ग्रापं के 5, तोड़सा ग्रापं के 5, नागुलवाड़ी ग्रापं के 3 ऐसे कुल 13 बाधित गांवों के लिए जिला प्रशासन ने जनसुनवाई रखी है। इसमें बांडे, मल्लपाड़, मंगेर, परसलगोंदी, सुरजागढ़, हेड़री, इकारा, करमपल्ली, पेठा, झारेगुड़ा, कुदरी, नागुलवाड़ी, मोहुर्ली आदि गांवों का समावेश है। सरकार द्वारा उपाययोजना करने के लिए जनसुनवाई रखी है। मात्र कुछ कथित लोगों द्वारा अफवाह फैलाने से लोगों में गलत भावनाएं निर्माण होने लगी है। इन गलत भावनाओं को दूर रखते हुए नागरिक जनसुनवाई में उपस्थित रहें। ऐसी अपील भी जिला प्रशासन ने की है।
Created On :   19 Oct 2022 3:08 PM IST