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पीओपी की गणेश मूर्ति बेचनेवालों पर मनपा रखेगी पैनी नजर
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को लेकर सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। पिछले साल शहर में पीओपी मूर्तियों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब इस वर्ष भी प्रतिबंध रहने के बावजूद यदि पीओपी की मूर्तियां बनाकर बेची गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मनपा द्वारा पीओपी मूर्तियों की बिक्री करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। महानगर पालिका द्वारा पर्यावरण के अनुकूल गणेशोत्सव मनाने की अपील की जा रही है। चंद्रपुर शहर नगर निगम ने बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान शुरू किया, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और पिछले वर्ष एक भी पीओपी मूर्ति नहीं बेची गई। नगर के घरेलू एवं सार्वजनिक गणेश मंडलों ने मनपा के कृत्रिम तालाब का लाभ उठाकर 8 हजार 64 गणेश प्रतिमाओं को पर्यावरण पुरक विसर्जित कर शत-प्रतिशत पर्यावरण पुरक गणेशोत्सव मनाने में योगदान दिया। इस वर्ष भी मनपा गणेशोत्सव को पर्यावरण पुरक तरीके से मनाने का प्रयास कर रही है।
चंद्रपुर मनपा शहर में पीओपी मूर्तियों के निर्माण, आयात, भंडारण और बिक्री को रोकने के लिए प्रयास किया ा रहा है। इसके लिए प्रोत्साहन के रूप में उपस्थिति प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। रेन वॉटर हारवेस्टिंग के दृश्य बनाने वाले गणेश मंडलों को भी आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। इस साल भले ही कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन मनपा आयुक्त राजेश मोहिते ने अपील की है कि नागरिक इस बात का ध्यान रखें कि भगवान गणेश की मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट से ज्यादा न हो। सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्वारा लंबी मूर्तियों की स्थापना की जाती है। हालांकि पर्यावरण पुरक गणेशोत्सव को देखते हुए कम ऊंचाई की गणेश प्रतिमाओं को स्थापित करने और मूर्तियों का विसर्जन मनपा द्वारा आयोजित विसर्जन स्थल पर ही करने की पहल करें। गणेशोत्सव के दौरान ऐसी कोई मूर्ति नहीं बनानी चाहिए जिससे प्रदूषण हो, मूर्तियों के लिए हानिकारक रंगों का उपयोग न किया जाए, घरेलू बप्पा का विसर्जन घर पर या विसर्जन टैंकों और कृत्रिम तालाबों में किया जाना चाहिए, निर्माल्य टैंक का उपयोग किया जाना चाहिए, थर्मोकोल और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करे,ऐसी अपील मनपा द्वारा की गई है।
Created On :   5 Aug 2022 2:15 PM IST