मोदी सरकार पार्ट 2, महाराष्ट्र के लिए नया कुछ नहीं , गडकरी रोड, गाेयल रेल पर कायम

Nitin gadkari and piyush goyal takes 2nd time oath in modi cabinet
मोदी सरकार पार्ट 2, महाराष्ट्र के लिए नया कुछ नहीं , गडकरी रोड, गाेयल रेल पर कायम
मोदी सरकार पार्ट 2, महाराष्ट्र के लिए नया कुछ नहीं , गडकरी रोड, गाेयल रेल पर कायम

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मोदी सरकार पार्ट 2 के तौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन हुआ। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से माना जा रहा था कि इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र का प्रभाव बढ़ता दिखेगा। शुक्रवार को मंत्रियों के विभाग का आवंटन हुआ। सारे कयास धरे रह गए। राजनीतिक जानकारों की मानें तो चुनाव साल होने के बाद भी राज्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहले से अधिक कुछ नहीं मिला है। 2014 में मंत्रिमंडल गठन के साथ राज्य को 7 मंत्री पद मिले थे। इस बार यह संख्या 8 हो गई है। लेकिन विभागों के लिहाज से देखा जाये तो पहले जैसी ही स्थिति है। इस बार राज्य से 4 केबिनेट व इतने ही राज्य मंत्री बनाए गए हैं। केबिनेट मंत्रियों में नितीन गडकरी, पीयूष गोयल, अरविंद सावंत व प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं। इनमें अरविंद सावंत पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। राज्यमंत्रियों में रामदास आठवले, रावसाहब दानवे, संजय धोत्रे व वी.मुरलीधरन शामिल हैं।

गडकरी को सड़क परिवहन, गोयल रेल व वाणिज्य एवं जावडेकर वन व पर्यावरण मामलों के मंत्री बने हैं। तीनों के लिए ये विभाग नए नहीं है। गडकरी पहले से ही सड़क परिवहन विभाग संभाल रहे हैं। यह अवश्य हुआ है कि जलसंसाधन विभाग की जिम्मेदारी कम कर दी गई है। माना जा रहा था कि गडकरी इस बार सुपर फाइव मंत्रियाें में शामिल होंगे। सुपर फाइव में वित्त, रक्षा, गृह, विदेश व रेल विभाग आता है। वित्त व ऊर्जा के अलावा रेल विभाग के कुछ समय तक मंत्री रहे पीयूष गोयल को इस बार फुल टाइम रेल विभाग दिया गया है। 2014 में रेलमंत्री बनाए गए सुरेश प्रभु महाराष्ट्र से ही थे। सितंबर 2017 में उनके स्थान पर गोयल को रेलमंत्री बनाया गया था। तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली की तबीयत ठीक नहीं रहने पर वित्त विभाग भी गोयल को दिया गया था। महाराष्ट्र के लिए यह जरूर कहा जा सकता है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रेल विभाग उसके हिस्से में आया है। प्रभावशाली जिम्मेदारी के लिहाज से देखा जाए तो गोयल, गडकरी से आगे निकल गए हैं। जावड़ेकर पहले भी वन व पर्यावरण मामलों के मंत्री रहे हैं। भारी उद्योग विभाग भी महाराष्ट्र के हिस्से में आते रहा है।

अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की केंद्र सरकार में शिवसेना के सुबोध मोहिते भारी उद्योग मामलों के मंत्री बने थे। डॉ.मनमोहनसिंह के नेतृत्व की यूपीए सरकार में भी यही स्थिति रही। विलासराव देशमुख को भारी उद्योग मामलों का मंत्री बनाया गया था। मोदी सरकार पार्ट 1 में शिवसेना के अनंत गीते इस विभाग के मंत्री थे। इस बार शिवसेना के ही अरविंद सावंत इस विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। राज्यमंत्रियों के मामले में भी कुछ नया नहीं है। गृहराज्यमंत्री के तौर पर चर्चा में रहे चंद्रपुर के सांसद इस बार चुनाव हार गए हैं। आरपीआई नेता रामदास आठवले सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के ही राज्यमंत्री बनाए गए हैं। रावसाहब दानवे को उपभोक्ता मामलों का राज्यमंत्री बनाया गया है। 2014 में चुनाव जीतने के बाद उन्हें इसी विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन उसी वर्ष महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए दानवे को मंत्री पद से मुक्त करके महाराष्ट्र भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। अब भी वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अकोला से 4 बार चुनाव जीते संजय धोत्रे का मानव संसाधन विभाग व केरल मूल के महाराष्ट्र से लोकसभा सदस्य वी.मुरलीधरन को विदेश व संसदीय कार्य राज्यमंत्री बनाया गया है। कुल मिलाकर पहले जैसी ही स्थिति है। 

Created On :   31 May 2019 3:12 PM IST

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