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बंद खदानों की जांच करने पहुंची एनजीटी की टीम, तैयार कर रही रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क,उमरिया। जिले में बंद हो चुकी कोयला खदानों के निरीक्षण के लिए एनजीटी भोपाल के निर्देशन में विशेषज्ञों की एक टीम उमरिया पहुंची। टीम ने एसईसीएल कॉलरी के अधिकारियों के साथ सालों पहले बंद हो चुकी खदानों के मुहाड़ो का निरीक्षण किया। टीम में 10 से अधिक विशेषज्ञ सदस्य शामिल हैं। बताया जाता है कि असुरक्षित तरीके से कोयला खदानों को डिस्मेंटल करने का मामला एनजीटी कोर्ट में चल रहा है। सुनवाई से पहले एक संयुक्त टीम द्वारा ऐसी खदानों का मौका मुआयना कर सुरक्षा मानकों की जांच करने पहुंची थी। टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को निर्धारित की गई है।
पर्यावरण सुरक्षा को लेकर कोर्ट में है मामला-
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता रजनीश चतुर्वेदी की तरफ से जिले में बंद हो चुकी कोयला खदानों के डिस्मेंटल का मामला एनजीटी के समक्ष लाया गया था। आरोपित किया गया कि एसईसीएल द्वारा सुरक्षा मापदण्डों के विपरीत इन खदानों को बंद किया गया है। यही कारण है कि उमरिया सहित नौरोजाबाद की इन खदानों में हर साल कई लोग व मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं। कोर्ट द्वारा पर्यावरण सुरक्षा संबंधी इस मामले को संज्ञान में लेकर सुनवाई से पहले एक विशेषज्ञों की टीम को संयुक्त निरीक्षण के आदेश जारी किए थे। पर्यावरण, न एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आदेश पर यह टीम मौके पर प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अपनी रिपोर्ट न्यायाधीशों के समक्ष पेश करेंगे।
हो चुके हैं कई हादसे-
गौरतलब है कि उमरिया सहित नौरोजाबाद के एसईसीएल क्षेत्र में दर्जनभर से अधिक खदानें बंद हो चुकी हैं। दशकों पहले इन कोयला खदानों में आए दिन अवैध उत्खनन की शिकायतें सामने आती रही हैं। यही नहीं उमरिया के धावड़ा कॉलोनी समीप नौ नंबर खदान में कुछ लोग खदान धसकने से मृत हो गए थे। इनके से एक युवक का शव आज तक आप्राप्त था। इसी तरह अन्य अवैध मुहाड़ों में मूक मवेंशी से लेकर इंसानों की मौत हो चुकी हैं। फिर भी इन्हें डिस्मेंटल करने के लिए पुख्ता कार्य योजना नहीं बन पाई है।
इनका कहना है -
हमें विशेषज्ञ टीम के साथ रहने के आदेश प्राप्त हुए थे। उमरिया में बंद खदानों के स्थान पर पहुंचकर मुआयना किया गया है। अपनी रिपोर्ट टीम एनजीटी को पेश करेगी।
सत्यनारायण कापरी, महाप्रबंधक एसईसीएल नौरोजाबाद
मैंने पर्यावरण सुरक्षा मानदण्डों से लापरवाही का मामला एनजीटी के समक्ष उठाया था। एनजीटी के आदेश पर एक संयुक्त विशेषज्ञों की टीम को निरीक्षण करना था। मामले की सुनवाई 26 मार्च को होनी है।
रजनीश चतुर्वेदी, याचिकाकर्ता
Created On :   24 March 2019 2:00 PM GMT