ऑटो रिक्शा की बैटरी के भरोसे मना राष्ट्रीय पर्व, 15 दिन से अंधेरे में आदिवासी छात्रावास की सैकड़ों बच्चियां

National Fiesta relieved of Auto battery, hundreds of girls from tribal hostel in dark for 15 days
ऑटो रिक्शा की बैटरी के भरोसे मना राष्ट्रीय पर्व, 15 दिन से अंधेरे में आदिवासी छात्रावास की सैकड़ों बच्चियां
ऑटो रिक्शा की बैटरी के भरोसे मना राष्ट्रीय पर्व, 15 दिन से अंधेरे में आदिवासी छात्रावास की सैकड़ों बच्चियां

डिजिटल डेस्क, उमरिया। जिले में एक गांव ऐसा भी रहा, जहां देश का स्वतंत्रता दिवस ऑटो रिक्शा की बैटरी के भरोसे मनाया गया। यह घटना आदिवासी विकासखण्ड पाली के घुनघुटी की है, जहां छात्रावास में 96 छात्राओं का नाम दर्ज है। 15 दिन से इलाके में अंधेरा फैला हुआ है। MPEB की माने तो गांव में बिजली सप्लाई बिल्कुल दुरूस्त है। छात्रावास में पाली ब्लॉक के अलावा शहडोल जिले की बच्चियां भी अध्यनरत हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में बिजली कंपनी की घटिया सेवाएं बच्चियों के भविष्य में ग्रहण लगाने का काम कर रहे हैं।

चार कमरों में 100 छात्राएं

उक्त छात्रावास घुनघुटी उच्चतर माध्यमिक स्कूल में चार कमरों में संचालित है और यह काम चलाऊ व्यवस्था, सालों से चली आ रही है। भवन के अभाव में चार कमरों के भीतर 100 छात्राएं रह रही हैं। बिजली सप्लाई के लिए पतनार से पोल लगाये गये हैं। तकरीबन 15 दिन बीत चुके हैं जब गांव वालों को बिजली के दर्शन हुये थे। स्थानीय प्रबंधन की मानें तो छात्रावास में यह समस्या हर साल होती है। इस संबंध में BO से लेकर उच्च स्तर तक पत्राचार भी किया जा चुका है। आपको बता दें कि यह बदहाली उस जिले की आदिवासी शिक्षा की है जिसे खुद सीएम गोद ले चुके हैं।

आटो के सहारे स्वतंत्रता दिवस

अटल ज्योति योजना और विकासखण्ड में आदिवासी विकास की सच्चाई 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उजागर हुई। जब राष्ट्रीय पर्व जैसे महत्वपूर्ण अवसर में भी लोग अंधेरे में डूबे रहे। घुनघुटी हायर सेकेण्डरी में गांव का मुख्य समारोह होता है। स्कूल प्रबंधन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर, इनवर्टर की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद चंद घण्टों में वो भी बोल गये। मजबूरी में एक आटो की बैटरी का सहारा लेकर, किसी कदर औपचारिकता पूर्ण की गई। गांव के अभय शिवहरे ने बताया स्वतंत्रता दिवस जैसे मौके पर भी क्षेत्र में सुविधाएं न मिलना, कर्मचारियों की लापरवाही उजागर करता है। 15 अगस्त को यदि बैटरी न होती तो बिना बिजली के कार्यक्रम होता।

लाइन मैन नहीं, किया था सुधार

गांव में लचर व्यवस्था के लिए बिजली विभाग की अपनी अलग समस्याएं हैं। जेई रविन्द्र डेहरिया ने बताया घुनघुटी में हमारे पास कोई लाइन मैन नहीं है। शिकायत मिलने पर पाली से भेजा जाता था। कई बार फाल्ट की जानकारी देरी से मिलती है या फिर व्यस्तता के चलते वहां सप्लाई प्रभावित हो जाती है। वैसे हमने 14 अगस्त को गांव में Insulator fault को सुधारा था। इसके अलावा 15 अगस्त को भी ट्रांसफार्मर में काम हुआ था। 

Created On :   19 Aug 2017 6:30 PM IST

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