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नाशिक की युवती को अमेरिका से मिला ऑनलाइन तलाक, नागपुर में डाक से भेजा तो थाने पहुंची पीड़िता
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डिजिटल डेस्क, नाशिक। तलाक के लिये दंपति की सहमति व पति - पत्नी को कोर्ट में प्रस्तुत होना आवश्यक होता है, लेकिन लॉकडाउन व कोरोना महामारी के संकट के कारण प्रत्यक्ष आनलाइन न्यायालय में उपस्थित रहे बिना दिया गया। कैलिफोर्निया निवासी युवक व नाशिक निवासी युवती को परिवार न्यायालय ने एक दूसरे की सहमति से तलाक मंजूर किया है। नाशिक परिवार न्यायालय के लिये यह प्रकरण सबसे अलग है। नाशिक निवासी युवक नौकरी के सिलसिले में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थानांतरित हुआ है। विवाह के बाद वह अपनी पत्नी को साथ में लेकर गया था, लेकिन थाेड़े ही दिनों के बाद दंपति में विवाद होने शुरू हो गये। बात आगे बढ़ी। परिवार के वरिष्ठ लोगों ने मध्यस्थी करने का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नही हुआ। आखिरकार युवक की पत्नी अपने देश वापस लौट आई। पति के पास वापस लौटने से इंकार कर दिया उसने स्थानीय परिवार न्यायालय में तलाक के लिये अवेदन दाखिल किया। पति कैलिफोर्निया में होने के बावजूद एड. धर्मेद्र चव्हाण को वकीलपत्र दिया। तलाक के लिये दोनों में समझौता हुआ लेकिन वैश्विक महामारी के संकट के चलते हवाई सेवा बंद होने के कारण पति ने अमेरिका से अमेरिका से प्रतिज्ञापत्र बनाकर प्रस्तुत किया। उसके पिता ने मुख्त्यारपत्र प्रस्तुत किया। इसके बाद मामला न्यायाधीश शिल्पा तोडकर के कोर्ट में शुरू हुआ। न्यायालय ने पति से ऑनलाइन पूछताछ की। दोनों पति-पत्नी की सहमति मिलने पर तलाक मंजूर किया। कैलिफोर्निया के युवक की ओर से एड. धर्मेंद्र चव्हाण ने व नाशिक में युवती की ओर से एड. श्याम गोसावी ने कामकाज संभाला।
डाक से भेजा ‘तीन तलाक’: कागज लेकर थाने पहुंची पीड़िता
डाक के जरिए पत्नी को तीन तलाक का कागज भेजने वाले के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। वर्धा पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार, कलमना निवासी शेख मुश्ताक शेख मुजफ्फर (32) की 23 मार्च 2012 को सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ शादी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद छोटी-छोटी बातों पर पहले तकरार और फिर घरेलू हिंसा शुरू हो गई। शारीरिक- मानसिक रूप से प्रताड़ित िकया जाने लगा। इसी बीच, पीड़िता दो बच्चों की मां बन गई। उसे लग रहा था कि समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन ठीक इसके उलट प्रताड़ना और बढ़ती गई। यहां तक कि उसे घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता इसके बाद वर्धा स्थित आनंद नगर में अपने मायके आ गई। इसी दौरान 18 मार्च 2019 को स्पीड पोस्ट से पीड़िता को एक पत्र मिला, जिसमें तीन तलाक लिखा हुआ था। उस पर गवाहों के हस्ताक्षर भी थे। पत्र के साथ 21 हजार 751 रुपए का डिमांड डाफ्ट भी था। वह हैरान रह गई, लेकिन परेशानी का जिक्र तक किसी से नहीं किया। बाद में लोगों के समझाने पर वही पत्र लेकर वह थाने पहुंची। पत्र भेजने के डेढ़ साल बाद मुश्ताक के खिलाफ 18 सितंबर 2020 दिन शुक्रवार को प्रकरण दर्ज कराया। जांच जारी है।
Created On :   19 Sept 2020 6:32 PM IST