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नारदा केस: CBI की जांच पर भड़के TMC समर्थक, CRPF के जवानों पर किया पथराव, CM ममता के खिलाफ FIR
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बंगाल की सियासत एक बार फिर गर्मा गई हैं। टीएमसी सरकार के दो मंत्रियों एवं विधायकों पर कार्रवाई होने के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज है। गिरफ्तारी के खिलाफ अपना आक्रोश जताने के लिए ममता सीबीआई के ऑफिस पहुंची और कहा कि “मुझे भी गिरफ्तार कर लो”। दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि ममता दीदी को जांच में बांधा नहीं बनना चाहिए यह ठीक नहीं है। एजेंसी अपना काम कर रही है।
एजेंसी पर किया पथराव
जैसे ही सीबीआई ने फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया वैसे ही टीएमसी कार्यकर्ताओं का हुजूम सीबीआई ऑफिस के सामने जमा होने लगा। नेताओं के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी और पथराव किया है। जिसके बाद केंद्रीय सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया।
डेढ़ घंटे तक बैठी रही ममता
सुबह जब फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी की गिरफ्तारी हुई, उसके बाद से मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी एवं लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी करीब डेढ़ घंटे तक निजाम पैलेस स्थित सीबीआई ऑफिस के सामने बैठे रहे। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हे काफ़ी बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। इस धरने की मुख्य वजह उनके पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी थी। साल 2019 में भी ममता इस तरह से धरने पर बैठी थी। उस समय सीबीआई सारधा चिटफंड मामले में पश्चिम बंगाल के कमिश्नर राजीव कुमार को गिरफ्तारी करने लिए आई थी। तब ममता बनर्जी धरने पर बैठी थी। उस पूरे मामले को लेकर भी काफ़ी राजनीति हुई थी। अब ममता एक बार फिर अपने नेताओं को बचाने के लिए मैदान में कूद गई है।
इन पर हुई कार्रवाई
इस स्टिंग ऑपरेशन में फंसे मंत्रियों में से एक शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके है। सोमवार को टीएमसी के मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी एवं विधायक मदन मित्रा पर कार्रवाई की गई है। बता दें, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में न्यायिक रुप से कार्रवाई के आदेश दिए थे। तब फिरहाद हकीम ने कहा था कि उन्हें अदालत पर भरोसा हैं, मुझे क्लीन चीट जरुर मिलेगी।
मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीबीआई कार्यालय में जिस तरह आगजनी और पथराव हुए वो दयनीय है। कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस सिर्फ़ दर्शक बन कर देख रही थी। मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई है। बता दें इस साल बंगाल में चुनाव थे जिनमें टीएमसी ने 200 से ज्यादा सीटों पर अपनी जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा 77 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बन गई थी।
पूरा मामला क्या है
साल 2014 में टीएमसी के मंत्रियों पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। जिसमें पत्रकार ने खुद को एक व्यापारी बताते हुए टीएमसी के 4 मंत्रियों और 7 विधायकों एवं एक अधिकारी को निवेश के लिए नगद रुपये दिए थे। इस पूरे स्टिंग ऑपरेशन को नारदा स्टिंग ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है। 2017 में कोलकाता हाईकोर्ट ने इस स्टिंग ऑपरेशन पर सीबीआई को जांच के निर्देश दिए थे। इस मामले पर में पहली बार 16 अप्रैल 2017 को एफआईआर दर्ज की गई थी।
Created On :   17 May 2021 2:29 PM IST