मुख्यमंत्री राहत कोष में नागपुर यूनिवर्सिटी देगा एक दिन का वेतन
डिजिटल डेस्क,नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारियों और शिक्षक शामिल होंगे। जल्द ही यूनिवर्सिटी प्रशासन इस पर परिपत्रक जारी करने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण से राज्य पहले नंबर पर है। यहां कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे है। इसके लिए राज्य सरकार को एक बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है। इधर विविध संस्थाएं और लोग भी अपने स्तर पर सरकार की आर्थिक मदद का प्रयास कर रहे है। इसी कड़ी में नागपुर विश्वविद्यालय भी शामिल हो गया है।
हाल ही में उच्च शिक्षा संचालक धनराज माने ने नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेश भर के शिक्षा संस्थानों को पत्र लिख कर मदद मांगी थी। जिसमें सभी संलग्नित कॉलेजों को भी शामिल करने को कहा गया था। विवि प्रभारी कुलसचिव डॉ.नीरज खटी के अनुसार उनका आव्हान स्वीकार करते हुए यूनिवर्सिटी अपने सभी अधिकारी, कर्मचारियों और शिक्षकों का एक दिन का वेतन राहत कोष में जमा कराने जा रहा है। विश्वविद्यालय में करीब 500 संलग्नित महाविद्यालाय है। जहां बड़ी संख्या में शिक्षक-कर्मचारी है। विवि को उम्मीद है कि इस मूहिम के तहत एक बड़ी रकम जमा होगी। जिससे राज्य सरकार को अच्छी मदद होगी।
प्रशासकीय बैठकों के लिए करें डिजिटल प्लैटफॉर्म का उपयोग
14 अप्रैल तक देश में लागू लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षा संस्थानों में छुटिटयां घोषित कर दी गई है। शिक्षक-कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम होम के आदेश जारी किए गए है। इसके चलते विश्वविद्यालयों का कामकाज बहुत प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के चलते कामकाज पर असर ना पड़े इसके लिए शिक्षा संस्थानों को वीड़ियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकें लेने और डिजिटल प्लैटफॉर्म पर प्रशासकीय कामकाज करने की मांग उठ रही है। मुंबई और नागपुर यूनिवर्सिटी पूर्व सीनेट सदस्य डॉ.अंबादास मोहिते ने शिक्षा वर्ग से यह आव्हान किया है। इस संबंध में राज्यपाल और उच्च शिक्षा विभाग सचिव को भी पत्र लिख गया है।
डॉ.मोहिते ने बताया कि अमरावती के यशवंतराव चौहान मुक्त विश्वविद्यालय (वायसीएमओयू) जहां वे वरिष्ठ शिक्षा सलाहकार है, ने वीड़ियो कांफ्रेंसिंग पर बैठकें लेना शुरु कर दिया है। ठीक ऐसे ही विश्वविद्यालय परीक्षा मंडल, मैनेजमेंट काउंसिल और आरआरसी की बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग पर ले सकते है। फिलहाल मार्च एंडिंग का समय है। संस्थानों को अपने रिकॉर्ड पूर्ण करने होते है। वीडियो कांफ्रेंसिंग और अन्य डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिए प्रशासकीय कामकाज सुव्यवस्थित रूप से जारी रहेगा। अगर लॉकडाऊन खत्म करके सदस्यों के बैठकों में खुद उपस्थित होने का इंतजार किया जाएं, तो इसमें खासा समय लेगेगा। जिससे कई महत्वपूर्ण फैसलें लंबित रह जाएंगे।
Created On :   31 March 2020 7:41 PM IST