मनपा का यू-टर्न , रद्द किया परिपत्रक

nagpur in municipal U-turn, circular canceled
मनपा का यू-टर्न , रद्द किया परिपत्रक
कार्रवाई की चेतावनी मनपा का यू-टर्न , रद्द किया परिपत्रक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के वित्त व लेखा अधिकारी कार्यालय से 20 सितंबर को एक परिपत्रक जारी किया गया, जिसमें एक लेखाशीर्ष के कामों की एकत्रित निविदा जारी करने का आदेश दिया गया। संबंधित जोन के कार्यकारी अभियंता को अपने कार्यक्षेत्र में इसे लागू करने के निर्देश दिए गए। आदेश का पालन नहीं करने पर संंबंधित अधिकारी के खिलाफ प्रशासकीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई, लेकिन  मनपा ने यू-टर्न लिया और 21 सितंबर को परिपत्रक रद्द कर दिया।

मुंढे ने अपनाई थी एकत्रित निविदा पद्धति : मनपा के विविध विभागों में विकासकार्यों को टुकड़ों में बांटकर प्रस्तावित किया जाता है। इस पद्धति से काम देने पर अलग-अलग ठेकेदारों को काम मिलता है। अपने मर्जी के ठेकेदार को काम दिलाने का इसके पीछे दूसरा पहलू है। तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इस पद्धति को बदलकर संपूर्ण जोन में समान लेखाशीर्ष के काम एकत्रित कर निविदा जारी करने की परंपरा शुरू की। मुंढे की जगह राधाकृष्णन बी. ने अायुक्त की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया, लेकिन ठेकेदाराें का प्रतिसाद नहीं मिला। आखिरकार टुकड़ों में बांटकर काम प्रस्तावित करने पड़े।

20 सितंबर को जारी हुआ नया परिपत्रक : वित्त व लेखा अधिकारी तथा मुख्य अभियंता के हस्ताक्षर से 20 सितंबर को नया परिपत्रक जारी किया गया। परिपत्रक में कहा गया कि, एक ही लेखाशीर्ष अंतर्गत छोटे-छोेटे स्थापत्य कामों की निविदा जारी न करते हुए आवेदन मंगवाकर ठेकेदार काे दिए जा रहे हैं। ऐसा करने से मनपा का आर्थिक नुकसान हो रहा है। एक लेखाशीर्ष अंतर्गत किए जाने वाले विकासकार्यों का एकत्रिकरण कर निविदा जारी करें, ताकि स्पर्धात्मक रेट पर काम देकर मनपा को आर्थिक नुकसान बचाया जा सके। समयसीमा में काम भी पूरे हो सकेंगे। यह जिम्मेदारी जोन के कार्यकारी अभियंता पर रहेगी। आदेश का पालन नहीं करने पर प्रशासकीय कार्यवाही की जाएगी।

एकत्रित निविदा से मनपा को लगा चूना : मनपा का आर्थिक नुकसान टालने के लिए एकत्रित निविदा की संकल्पना रखी गई। दरअसल इस पद्धति को अपनाने से मनपा को चूना लगने की जानकारी सामने आई है। जलापूर्ति की पाइप लाइन का ठेका एकत्रित निविदा पद्धति से दिया गया। अहमदाबाद की एक बड़ी कंपनी ने 27 प्रतिशत ज्यादा रेट से ठेका लिया। उसे छोटे-छोटे ठेकेदारों को 10 प्रतिशत कम रेट पर देकर काम किया गया। इसमें ठेकेदार ने बिना काम किए सीधे-सीधे 37 प्रतिशत मुनाफा कमाया। टुकड़ाें में बांटकर छोटे-छोटे ठेकेदारों के माध्यम से कम रेट में होने वाले काम पर एकत्रित निविदा में ठेकेदार को ज्यादा भुगतान किया गया।

अब पुरानी पद्धति से मिलेगा ठेका : एकत्रित निविदा पद्धति का परिपत्रक रद्द किए जाने की सूत्रों ने जानकारी दी है। अब पुरानी पद्धति से टुकड़ों में ठेकेदारों को काम देने पर मनपा प्रशासन ने रजामंदी दी है। 24 घंटे में परिपत्रक रद्द करने पर वित्त व लेखा अधिकारी से वजह जानने के लिए फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला।
 

Created On :   22 Sept 2021 11:09 AM IST

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