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नाफेड की चना खरीद बंद, किसान संकट में
डिजिटल डेस्क, अकोट। नाफेड ने सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से की जाने वाली चना खरीदारी को पूर्व सूचना न देते हुए बंद किया है। जिस से किसान संकट में घिर गए हैं। बंद की गई खरीदारी पुन: शुरू कर किसानों को इस संकट से राहत दी जाए, ऐसी मांग अकोट के शेतकरी पैनल की ओर से उपविभागीय अधिकारी को सौंपे ज्ञापन के जरिए की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार के समर्थन मूल्य से नाफेड द्वारा चने की खरीदारी की जा रही थी। लेकिन अचानक किसी को भी पूर्व सूचना न देते हुए चने की खरीदारी बंद की है। अकोट तहसील में विभिन्न खरेदी केंद्रों पर हजारों किसानों ने चना बिक्री के लिए पंजियन किया था। किंतू नाफेड ने चने की खरीदी बहुत ही धीमी गति से की है। जिस के चलते मौजूदा स्थिति में 700 से ज्यादा पंजीकृत किसानों से चने की खरीदारी नहीं हो पाई है। सरकार ने 18 जून तक चना खरेदी की जाएगी ऐसा आश्वासित किया था। लेकिन असल में 1 और 2 जून को ही खरीदी केंद्र सिर्फ दो दिन शुरू रख कर 3 जून से फिर से खरीदी केंद्र बंद कर दिए। चनेकी सरकारी और खुले बाजार के दामों में 700 से 800 रूपए तक का अंतर बताया जाता है।
खरीदी केंद्र पर किसानों के चने के उत्पाद से भरे हुए ट्रैक्टर समेत अन्य 63 वाहन मौजूदा हालात में खड़े हैं। जिससे किसानों को वाहनों का किराया बढ़ रहा है। अब बरसात के मौसम का दौर शुरू हो गया है। बारिश में चना भिग गया तो इस के लिए जिम्मेदार कौन, इस तरह का सवाल भी ज्ञापन के जरिए उपस्थित किया गया है। मौजूदा स्थिति में किसान खरीफ के मौसम के लिए खेती की मशक्कत कर रहे हैं। वहीं बीज और खाद की खरीदारी कर रहे हैं। किसानों को पैसों सख्त जरूरत है। लिहाजा इस संकट से उभरने के लिए नाफेड द्वारा चना खरीदारी पुन: शुरू की जाए ऐसी मांग शेतकरी पैनल अकोट द्वारा की गई है। इस ज्ञापन पर पूर्व विधायक संजय गावंडे, प्रदीप वानखड़े, डा. गजानन महाले, डा. प्रमोद चोरे, मो. बद्रुजमा, एड. मनोज खंडारे आदि के दस्तखत हैं।
Created On :   11 Jun 2022 3:56 PM IST