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नहर में मिला बाघ का क्षत-विक्षत शव, तीन दिन पहले शिकार की आशंका, तीन पंजे, तीन दांत गायब
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भले ही प्रदेश में बाघों के संरक्षण को लेकर शासन स्तर पर तमाम दावे किए जाते हों, लेकिन इनके शिकार का ग्राफ कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। परियोजना परिक्षेत्र वारासिवनी और लामटा परियोजना के तहत कटंगी के कक्ष क्रमांक-786 में राजीव सागर बांध की मुख्य नहर में गत दिनों बाघ का क्षत-विक्षत शव मिलने से हड़कंप मच गया। बाघ के तीन पंजे और तीन दांत (कैनाइन) गायब हैं, जिससे बाघ का शिकार करने की प्रबल संभावना है। लामटा प्रोजेक्ट डीएम प्रतिभा अहिरवार ने बताया कि चूंकि बाघ के शरीर के वो अंग नहीं मिले हैं, जिसके लिए दुर्भाग्यवश अक्सर इनका शिकार किया जाता है, इसलिए ये शिकार का प्रकरण लग रहा है। इसके लिए विशेष टीम के अलावा विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। इससे पहले अमले ने विशेषज्ञों की मौजूदगी में बाघ का पीएम कराकर अंतिम संस्कार किया।
सौ मीटर के दायरे में शिकार की आशंका
जानकारी के अनुसार, बाघ का शिकार शव मिलने वाले क्षेत्र से करीब सौ से डेढ़ सौ मीटर के दायरे में ही होने की आशंका है। क्योंकि इन दिनों नहर के गेट बंद हैं और नहर में पानी का बहाव इतना तेज नहीं है, जिससे बाघ का शव दूर से बहकर यहां तक पहुंच सके। हालांकि, विभाग पड़ोसी जिले में भी बाघ का शिकार कर नहर में फेंकने के एंगल से जांच कर रहा है। संभावना व्यक्त की गई है कि बाघ का शिकार शव मिलने के तीन दिन पहले किया गया है।
मौत की असल वजह जांच का विषय
डीएम प्रतिभा अहिरवार ने बताया कि बाघ का शव पानी में रहने के कारण सड़-गल चुका था। बाघ की मौत गन शॉट, करंट या जहर से हुई थी, ये जांच का विषय है। हालांकि, पीएम में अब तक मौत की इन वजहों के प्रबल सबूत नहीं मिल सके हैं। विभागीय अधिकारियों के साथ विशेष टीम शिकारियों तक पहुंचने के लिए जुटी हुई है।
Created On :   18 Jun 2022 11:16 PM IST