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मैं हत्यारा नहीं हूं...! भूख हड़ताल पर बैठा बंदा, हालत बिगड़ी
डिजिटल डेस्क, सतना। हत्या के मामले में आजीवन कारावास से दंडित बंदी की तबियत भूख हड़ताल के चलते बिगड़ गई, जिसे जेल की अस्पताल से जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। बंदी का कहना है कि मैं हत्यारा नहीं हैं, लेकिन उसे जबरन फंसा दिया गया है, जिसके कारण वह न्याय पाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठा हूं। उसका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता भूख हड़ताल पर बैठा रहूंगा।
मुझकों फँसाया गया है
जानकारी के मुताबिक भरत सिंह घोसी पुत्र इंदर सिंह 28 वर्ष निवासी वर्मा थाना बड़ामलहरा जिला छतरपुर को पिता, चाचा व चचेरे भाई रामजी सिंह के साथ जालम सिंह नामक युवक की हत्या के आरोप में 13 जुलाई 2018 को उम्र कैद की सजा दी गई थी। इसके दो दिन बाद चारो को सेन्ट्रल जेल सतना शिफ्ट कर दिया गया। इस मामले में खुद को फंसाए जाने का दावा करते हुए भरत ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील भी कराई पर नतीजा नहीं बदला। भरत का आरोप है कि जालम की हत्या रामजी ने की और अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था पर मृतक के परिजन ने पिता, चाचा समेत उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।
एक अप्रैल से भूख हड़ताल पर
ऐसे में अपनी बात रखने के लिए बंदी ने 1 अप्रैल से केन्द्रीय जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी। कुछ दिन बाद तबियत बिगडने पर जेल स्टॉफ ने परिसर में बने हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया, फिर भी उसने इरादा नहीं बदला। अंतत: 11 तारीख को चक्कर आ जाने पर डॉक्टर ने जेल से जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां भी बंदी भरत अपनी मांग पर अड़ा हुआ है।
कैदी पर पत्थर से हमला
केन्द्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे एक बंदी को चक्कर अधिकारी की बात मानकर टीवी बंद करने का खामियाजा साथी कैदी के गुस्से का शिकार बनकर भुगतना पड़ा। चौकी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शराफत अली पुत्र हसन 40 वर्ष निवासी टटम थाना महाराजपुर जिला छतरपुर को सेंट्रल जेल की बैरक नम्बर 3/9 में रखा गया, जहां करण केवट पुत्र लल्लू भी बंद है। तीन दिन पूर्व चक्कर अधिकारी ने रात 10 बजे के बाद बैरक की टीवी बंद करने के निर्देश दिए थे, लिहाजा शराफत ने वैसा ही किया। इस बात से करण आक्रोशित हो गया था पर तब कुछ नहीं बोला, लेकिन जब अगली सुबह वह शौचालय की तरफ जा रहा था, तभी आरोपी करण ने पत्थर से हमला कर घायल कर दिया। गंभीर चोट आने पर शराफत को जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है, पर अब तक हमला करने वाले बंदी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
Created On :   14 April 2019 4:31 PM IST