बैगाओं का कुपोषण दूर करने की योजना फ्लाप, खातों में नही पहुंच रही राशि

MP Govt plans seems to be flop to counter malnutrition in tribes
बैगाओं का कुपोषण दूर करने की योजना फ्लाप, खातों में नही पहुंच रही राशि
बैगाओं का कुपोषण दूर करने की योजना फ्लाप, खातों में नही पहुंच रही राशि

डिजिटल डेस्क, मंडला। प्रदेश सरकार की विशेष पिछड़ी जनजाति को कुपोषण से दूर करने की योजना फ्लाप होती नजर आ रही है। प्रशासन की लापरवाही और शासन से आवंटन न मिलने की वजह से खातों में राशि ही नहीं जा रही है। जिससे विशेष पिछड़ी जनजाति को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है। मंडला में आधे से ज्यादा परिवार की जानकारी भी प्रशासन के पास नही है, जिससे इन परिवारों को योजना का एक बार भी लाभ नहीं मिल पाया है।

जानकारी के मुताबिक  विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहारिया, भारिया परिवारों में कुपोषण की समस्या सबसे ज्यादा है। जिसके चलते प्रदेश शासन ने जनजाति परिवारों को कुपोषण से दूर करने के लिए योजना दिसम्बर 2017 में शुरू की है। जिसमें परिवार की महिला मुखिया के खाते में एक-एक हजार रूपए दिए जा रहे है। जिससे पिछड़ी जाति के परिवारों में महिला एवं बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके। लेकिन यह योजना फ्लाप होती नजर आ रही है।

दिसम्बर माह से एक बार ही आधे से कम परिवारों के खाते में राशि गई है। दसअसल प्रशासन के पास बैगा परिवारों के जानकारी नहीं है। बैंक खाते और बैगाओं के नाम व अन्य दस्तावेज नहीं मिले है। योजना शुरू होने से पहले जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायत से बैगाओं के परिवारों की जानकारी मांगी गई थी। लेकिन पंचायतों ने जनजाति कार्य विभाग विशेष पिछड़ी जनजाति को जानकारी नहीं भेजी है। जिसके कारण पात्र हितग्राहियों के खाते में राशि नहीं जा पा रही है। पिछड़ी जनजाति को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

ये है स्थिति
योजना शुरू करने से पहले शासन ने परिवारों की जानकारी मांगी गई थी। वर्ष 2012-13 के सर्वे के आधार पर 9482 परिवारों की जानकारी भेज दी गई। जिसके बाद शासन से 94 लाख 82 हजार रूपए का आवंटन भेजा गया। मंडला में 4500 हितग्राहियों के खाते में 45 लाख 50 हजार रूपए डाले गए। प्रशासन के पास जानकारी नहीं होने के कारण शेष हितग्राहियों के खाते में राशि जमा नहीं हो पाई। जिससे 31 मार्च को आवंटन लेप्स हो गया। दिसम्बर के बाद शासन ने भी एक रूपए जारी नहीं किये है। जिससे एक भी परिवार को योजना का लाभ नहीं मिला है। अब आवंटन का इंतजार किया जा रहा है।

शिक्षक जुटा रहे जानकारी
जनपदों से दिसम्बर 2017 से ही विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों की जानकारी नहीं दी जा रही है। जिसके बाद सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग डॉ संतोष शुक्ला ने 22 अप्रैल से बीईओ को नोडल अधिकारी बना दिया है। सहायक नोडल अधिकारी भी बनाये है। अब शिक्षकों से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिससे बैगा परिवारों को शासन से मिलने वाली राशि उपलब्ध कराई जाए। शिक्षको द्वारा किये जा रहे सर्वे में अभी समय लगेगा।

 

Created On :   17 May 2018 5:00 PM IST

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