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मध्यप्रदेश में फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल (लव जिहाद कानून) को कैबिनेट ने दी मंजूरी , धर्म परिवर्तन पर होगी सख्त सजा
डिजिटल डेस्क (भोपाल) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक में आज (26 दिसंबर ) कैबिनेट द्वारा अनुमोदित एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 को मंजूरी दी। राज्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "इस नए विधेयक के तहत, किसी पर धार्मिक परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपए का जुर्माना होगा"। वहीं, नए एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 के तहत, एक नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपए के न्यूनतम दंड के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा का प्रावधान है।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा किधर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 को विशेष कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद अब विधानसभा में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में से पास किया जा सकता है।
दरअसल, प्रदेश में यह पूरी कवायद हिंदुत्ववादी विचारधारा को बढ़ावा देने की तैयारी है। मूलरुप से लव जिहाद को रोकने के लिए धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को पेश किया जा रहा है। अब लव जिहाद की शिकार पीड़ित महिला का यदि बच्चा पैदा हो जाता है तो दोनों को न केवल भरण-पोषण का अधिकार होगा, बल्कि पिता की संपत्ति में बच्चा उत्तराधिकारी बनेगा। इतना ही नहीं, ऐसे केस की शिकायत आने पर सब इंस्पेक्टर से नीचे के स्तर के अधिकारी जांच नहीं कर सकेंगे और सेशन कोर्ट में ही उसकी सुनवाई होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही इस विधेयक के समर्थन में कह चुके हैं कि अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर शादी कर या षडयंत्र कर धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्म कार्रवाई की जाएगी। प्रस्तावित बिल में प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है, तो पीड़ित के माता-पिता या सगे संबंधी भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। ऐसी शिकायत पर पुलिस आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करेगी। ऐसे मामले में अपराध गैर जमानती होगा।
Bhopal: MP Freedom of Religion Bill 2020 approved by cabinet in a special meeting chaired by CM Shivraj Singh Chouhan.
— ANI (@ANI) December 26, 2020
"Under new Bill, forcing religious conversion on someone will attract 1-5 yrs of imprisonment a minimum Rs 25,000 fine," says Narottam Mishra, State Minister pic.twitter.com/64mDEtWJoL
यह कहती है धारा-03
प्रस्तावित बिल की धारा 03 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का षडयंत्र नहीं करेगा।
धर्म परिवर्तन के पूर्व घोषणा
प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन की मंशा रखने वाले व्यक्ति और धार्मिक पुजारी या व्यक्ति, जो धर्म परिवर्तन आयोजित करने का आशय रखता हो को, उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को एक माह पूर्व घोषणा पत्र/सूचना पत्र देना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में हो चुकी ही कार्रवाई...
हाल ही में मध्यप्रदेश में एक मुस्लिम व्यक्ति को उसकी पत्नी के आरोप के बाद गिरफ्तार किया गया है कि वह और उसका परिवार उसे प्रताड़ित कर रहा था, यह मांग करते हुए कि वह अपनी संस्कृति को अपनाए और उर्दू और अरबी भाषा सीखें। गिरफ्तारी मप्र धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 के प्रावधानों के तहत की गई थी।
Created On :   26 Dec 2020 11:06 AM IST