मोघे काे सामने कर पटोले के विरोध में लामबंदी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक पुनर्गठन की मांग बढ़ रही है। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के विरोध में पार्टी के कुछ नेता लामबंदी करने लगे हैं। दलित व आदिवासी को संगठन में सम्मान के विषय के साथ पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है। मांग को लेकर वे नेता अधिक सक्रिय हैं, जो पहले अशोक चव्हाण का विरोध करते हुए राज्य में अलग से विदर्भ कांग्रेस संगठन को अनुमति देने की मांग कर रहे थे। दावा किया जा रहा था कि इंदिरा गांधी को आपात स्थिति में भी विदर्भ ने साथ दिया था। देश में कांग्रेस पराजित हुई थी, लेकिन विदर्भ में उसे समर्थन मिला था। उस समय संगठन में योगदान देने वाले नेता अब जान-बूझकर उपेक्षित किए जा रहे हैं। लगभग उसी तरह की मांग फिर से की जाने लगी है।
मुख्य वोट बैंक का हवाला
कांग्रेस नेताओं ने पार्टी पर्यवेक्षक रमेश चेन्निथला से मांग की है कि अगला प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समुदाय से होना चाहिए। नाना पटोले पर आरोप लगाया गया है कि उनकी वजह से दलित, मुस्लिम और आदिवासी जो कांग्रेस के मुख्य वोट बैंक हैं, पार्टी से अलग हो गए हैं। विदर्भ के 24 नेताओं ने गंभीर आरोप लगाया है कि नाना पटोले पार्टी की बैठक में किसी की नहीं सुनते हैं। इसके चलते पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और आदिवासी नेता शिवाजीराव मोघे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की गई है। मोघे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में आदिवासी विभाग के अध्यक्ष हैं। उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस अनुसूचित विभाग के अध्यक्ष रहे नितीन राऊत के समर्थक कार्यकर्ता भी सक्रिय हुए हैं। राऊत समर्थक खान नायडू व अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पटोले संगठन में सामाजिक न्याय के विषय को भूला रहे हैं। दलित समाज के जनप्रतिनिधियों को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। वैसे में कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्ताव रखा गया है कि संगठन में दलित व आदिवासियों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
हस्ताक्षर अभियान : खबर है कि कुछ नेताओं ने पटोले के विरोध में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से मिलकर जिला स्तर पर पटोले के विरोध में समर्थन जुटाया जा रहा है। हालांकि इस विषय पर कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है।
Created On :   28 Feb 2023 11:17 AM IST