जिला में उपार्जित धान की अंतर जिला मिलिंग रोकने के लिए लामबंद हुए मिलर
डिजिटल डेस्क,पन्ना। पन्ना जिला में खरीफ विपणन वर्ष 2022 में कुल 152 हजार मैट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है उपार्जित धान को अंतर जिला मिलिंग रोकने के लिए जिले के मिलर लामबंद हो गए हैं। जिसके लिए डायमंड पन्ना राइस यूनियन देवेंद्रनगर द्वारा कलेक्टर पन्ना को 28 जनवरी तथा 18 फरवरी को क्षेत्रीय सांसद व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा तथा प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को भी पन्ना जिला में उपार्जित धान की अंतर जिला मिलिंग रोकने के लिए मांग पत्र सौंपा था लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही ना होने के चलते मिलर्स परेशान है। आज मुख्यालय पहुंचे डायमंड पन्ना राइस यूनियन के पदाधिकारियों ने अपना तर्क देते हुए कहा कि पन्ना जिला में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में कुल 152 हजार मैट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है वर्तमान में पन्ना जिला में कुल 23 मिल पूर्व से कार्य कर रही है एवं लगभग 8 मिल नई स्थापित हो रही है जिसमें प्रत्येक मिल की क्षमता 4 से 12 टन प्रति घंटा है। पन्ना जिला की मासिक मिलिंग क्षमता 35000 से 40000 मैट्रिक तक प्रति माह की है पूर्व में मीलों में सर्टेक्स एवं ब्लेडिंग मशीनें स्थापित नहीं थी जिसके कारण वर्तमान में मिलों के अनुबंध करने में विलंब हुआ है। सर्टेक्स मशीन स्थापित करने के लिए सभी मिलरों ने 70 से 80 लाख रुपए तक का कर्जा लिया हुआ है यदि पन्ना जिले में अन्य जिलों की धान मिलिंग हेतु दी जाती है तो बहुत बडी आर्थिक क्षति होगी एवं मिलरों को ऋण चुकाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
पन्ना जिला में स्थापित समस्त मिलों द्वारा अधिकतम 30 जून 2023 तक संपूर्ण धान की मिलिंग का कार्य कर दिया जाएगा। गौरतलब हो कि पन्ना जिले के जिला प्रबंधक द्वारा महाप्रबंधक मिलिग एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्यालय मुख्यालय भोपाल को पत्र लिखकर पत्र क्रमांक 137478 दिनांक ०9 दिसंबर 2022 का हवाला देते हुए उल्लेख किया था कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में उपार्जित धान की अंतर जिला मिलिंग हेतु ग्वालियर जिले में स्थित 06 मिलर्स द्वारा प्रस्ताव दिए गए हैं। इस संबंध का पत्र जिला प्रबंधक द्वारा 23 जनवरी 2023 को लेख किया गया था प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद जैसे ही जानकारी पन्ना जिले के मिलर्स को मिली तो उनमें हडक़ंप मच गया। मिलरों का कहना है कि हर मिलिंग वाला बैंक से कर्जदार है अगर ऐसा हो जाएगा तो इनका रोजगार व मिलिंग बंद हो जाएगी। एक मिल में 50 से 60 परिवार के लोग काम कर रहे हैं और वह ऐसी स्थिति में बेरोजगार हो जाएंगे उन्होंने यह भी कहा कि सात अन्य वर्तमान में सारटेक्स मशीन व पोषक तत्व रहित मिलाने वाली मशीन फोर्टिफाईड अनिवार्य था जो सभी जिले के मिलर द्वारा शासन के आदेश का पालन करते हुए अपने-अपने प्लांट में स्थापित कर ली है और उसको लगवाने पर 70 से 80 लाख रुपए भी खर्च हुआ है जो भी नए प्लांट तैयार हो रहे हैं उसको पूरा करने में लगभग 3 से 4 करोड़ रुपए का खर्च आता है।
जनप्रतिनिधियों को त्वरित रूप से लेना चाहिए एक्शन
डायमंड पन्ना राइस यूनियन के द्वारा जो मांग उठाई गई है मांग पत्र मंत्री व सांसद को सौंपा गया है इस पर जिले का हित देखते हुए अंतर जिला मिलिंग रोकने के लिए उन्हें इस पर तुरंत कार्यवाही करना चाहिए जिससे यहां के व्यापारियों के साथ जनता को कोई भी समस्या उत्पन्न ना हो।
इनका कहना है
अभी तक यहां से कोई कार्यवाही नहीं हुई है साथ ही किसी भी प्रकार का किसी के ऊपर प्रेशर नहीं दिया जा रहा है।
राजेश शांकले
Created On :   27 Feb 2023 4:01 PM IST