महावितरण में मीटर का टोटा, महीनों से इंतजार कर रहे उपभोक्ता

Meter hit in Mahavitaran, consumers have been waiting for months
महावितरण में मीटर का टोटा, महीनों से इंतजार कर रहे उपभोक्ता
महावितरण में मीटर का टोटा, महीनों से इंतजार कर रहे उपभोक्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर शहर में मीटर की भारी किल्लत बनी हुई है। शहर के पांचों डिविजन (विभाग) में यही स्थिति बनी है। महावितरण सिर्फ भरोसा देता रहा और जब बात बढ़ी तो कहा-बाजार से खरीद लो। लेकिन तंग आकर लिया गया फैसला नहीं, बल्कि हिसाब-किताब का तोड़-जोड़ है। सोच अलग-अलग। उपभोक्ताओं में बेचैनी है। जितनी मुंह, उतनी बातें। कोई परेशान करने की रणनीति बता रहा, तो कई कमाई का साधन बता रहा। किसी कंपनी से गठजोड़ के बाद मीटर की किल्लत जान-बूझकर पैदा करने की चाल बताने वालों की भी कमी नहीं।     

फेज ज्यादा तो दाम भी अधिक 
इसे ऐसे समझें कि सिंगल फेज मीटर का मूल्य बाजार में 1800 रुपए है आैर महावितरण किस्तों में केवल 820 रुपए लौटाएगा। इसी तरह थ्री फेज मीटर का मूल्य 3200 से ज्यादा है आैर महावितरण किस्तों में लौटाएगा केवल 1600 रुपए। बिजली बिल में से यह राशि कम की जाएगी। मतलब कम से कम जितने का मीटर उतना अलग से दंड। यह स्थिति तब है, जब लोग नए कनेक्शन के लिए डिमांड नोट (जरूरी राशि) भर चुके हैं। 

राशि भरने के बाद भी बिजली नहीं  
महावितरण नागपुर शहर में महल, गांधीबाग, सिविल लाइंस, कांग्रेसनगर व बुटीबाेरी-एमआईडीसी ऐसे पांच विभाग (डिविजन) है और हर विभाग ने मीटर का गुजारिश पत्र जोन कार्यालय को भेजा है। दिसंबर महीने से जिन उपभोक्ताओं ने नए मीटर की डिमांड नोट (जरूरी राशि) महावितरण के पास जमा की, उनके घर अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं लग सका है।  

दौड़-भाग की परेशानी अलग
मार्केट से मीटर खरीदने के बाद उसकी टेस्टिंग संबंधित विभाग में होती है। उपभोक्ता को खुद वितरण केंद्र से लेकर कार्यकारी अभियंता कार्यालय में मीटर लेकर जाना होगा। जरूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मीटर आेके होने का प्रमाण-पत्र मिलेगा। फिर ये मीटर वितरण केंद्र पहुंचेगा। 

अभी तक औसत बिल  
लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताआें की शिकायत रही कि मीटर खराब है आैर ज्यादा बिल आ रहा है। ऐसे में महावितरण ने संबंधित मीटर की जांच कर इसकी जगह दूसरा मीटर लगाने का भरोसा दिया है। मीटर उपलब्ध नहीं होने से एवरेज बिल भेजे जा रहे हैं। 

विभाग जवाब देने तैयार नहीं 
महावितरण के जनसंपर्क अधिकारी अजित इगतपुरीकर को फोन लगाए, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। वाट्सएप किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। एसएमएस किया, उसका भी जवाब नहीं मिला। क्या जानकारी चाहिए, इसका भी ब्योरा भेजा, लेकिन पीआरआे ने महावितरण का पक्ष रखना जरूरी नहीं समझा। 

Created On :   5 March 2021 1:12 PM IST

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