नुक्कड़ नाटक व म्युजिकल चेयर रेस से दिया पर्यावरण को बचाने का संदेश

Message to save  environment from street drama and musical chair race
नुक्कड़ नाटक व म्युजिकल चेयर रेस से दिया पर्यावरण को बचाने का संदेश
नुक्कड़ नाटक व म्युजिकल चेयर रेस से दिया पर्यावरण को बचाने का संदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण से छेड़छाड़ हाेती है, तो मानव जीवन भी प्रभावित होता है। मनुष्य भी पर्यावरण का हिस्सा है। पर्यावरण एक साइकिल के आधार पर संचालित है। इस साइकिल या चैन में एक भी तत्व या प्राणी विलुप्त होता है या प्रदूषित होता है, तो उससे पूरी साइकिल प्रभावित होती है। पर्यावरण और वन्य प्राणी संरक्षण का संदेश देते हुए डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ और महाराज बाग प्राणी संग्रहालय द्वारा महाराज बाग जू में ‘विश्व वसुंधरा दिवस' मनाया गया। वर्ल्ड अर्थ-डे नेटवर्क की 'प्रोटेक्ट अवर स्पीशीज थीम' पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृषि विद्यालय के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक और म्यूजिकल चेयर रेस से पर्यावरण और वन्य प्राणी संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर कृषि विद्यालय के असोसिएट डीन डॉ. डी.एम. पंचभाई और प्राणी संग्रहालय के प्रभारी अधिकारी डॉ. एस.एस. बावस्कर ने प्रदूषण के होने वाले कारण और उनके उपाय के बारे में जानकारी दी। 

बैनर पोस्टर से दिए संदेश
स्टूडेंट्स  द्वारा पर्यावरण संरक्षण विषय पर पोस्टर और बैनर भी तैयार किए गए थे। जिसे महाराज बाग के पेड़ों पर लगा कर सभी को प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करते हुए उन्हें बचाने के संदेश दिए गए। बैनर पर 'सांसे हो रही कम पेड़ लगाएंगे हम' और 'जल जीवन का अनमाेल रतन आओ इसे बचाने का करें जतन' के विचार विद्यार्थियों ने दिए।

एक पेड़ कटने से कई जीवों की मृत्यु
कार्यक्रम में डॉ सुनिल बाविसकर ने कहा कि हमें हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बचाने आवश्यकता है। यदि वह खत्म हो गए तो मानव जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा। आज सीमेंट की रोड बन रही है जिनके लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। लेकिन पेड़ कटने के साथ-साथ उन पर रहने वाले अन्य जीवों की भी मृत्यु हो जाती है। पक्षी भी कम होते जा रहे हैं। डॉ पंचभाई ने कहा कि हमारी एक छोटी सी पहल भी पर्यावरण के लिए उपयोगी होती है। हम एक सीताफल खाते हैं उसमें कई बीज होेते हैं। उन बीजों को हम यदि जून जुलाई माह में मिट्टी में डाल देते हैं तो वह खुद उग जाते है आपको ज्यादा देखरेख की भी आवश्यकता नहीं होेते। कार्यक्रम का संचालन कृषि विद्यालय एजुकेशन ऑफिसर सुवर्णा कावले ने किया। 

बीमारी का मुख्य  कारण प्रदूषण
कृषि विद्यालय के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक किया गया। जिसमें एक युवा लड़की अस्थमा के कारण बेहोश हो जाती है और डॉक्टर बीमारी का मुख्य कारण प्रदूषण बताते है। नाटक में प्रदूषण के कारण और उनसे होने वाले प्रभाव भी बताए गए। जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग  साथ ही वन्य जीवों को हो रही हानि के कारण इकोसिस्टम चैन का असंतुलित होने की भी जानकारी दी। 

लुप्त हो रहे प्राणियों  को बचाए
साथ ही म्यूजिकल चेयर रेस में लुप्त हो रहे जानवर, पक्षी और वन्य जीवों के नाम स्लैट पर लिख कर सभी प्रतिभागियों को दिए गए। चेयर रेस में जो भी एलिमिनेट होता गया उस जीव की जानकारी और पर्यावरण साइकिल में होन वाली भूमिका को बताया गया। जीव एनिमल फुड चैन की किस श्रेणी में आता है इस विषय पर भी जानकारी दी गई।

Created On :   23 April 2019 1:44 PM IST

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