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मराठा आरक्षण : आरक्षण पर 50 प्रतिशत की लगी कैप कोई लक्ष्मणरेखा नहीं
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण मामले को संवैधानिक पीठ को भेजने के मसले पर सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में इंटर्वेनर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील रखी कि तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को पार की है। इसलिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की लगाई गई कैप यह कोई लक्ष्मणरेखा नहीं है।
सिब्बल ने कहा कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति खराब होने के साथ ही पिछले कुछ वर्षो में पिछड़ापन बढ़ा है। इन कारणों के चलते हरियाणा में जाट, गुजरात में पटेल और महाराष्ट्र में मराठा समाज की ओर से आंदोलन किया गया। वहीं सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी अपनी दलील में अदालत को बताया कि कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पार हुई। यह संविधान का उल्लंघन है। इस लिहाज से सभी राज्यों ने कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ के समक्ष इस मसले की सुनवाई होनी चाहिए। अब इस मसले पर अगली सुनवाई 3 सिंतबर को होगी।
Created On :   2 Sept 2020 1:42 PM IST