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मनोहर म्हैसालकर ने लोगों को जोड़ने का काम किया : प्रकाश दुबे
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। मनोहर म्हैसालकर ने लोगों को जोड़ने का काम किया है। वे लगातार एक ही बात कहते हैं कि, मैं साहित्यकार नहीं हूं बल्कि साहित्य का कार्यकर्ता हूं। ऐसे व्यक्ति के कार्य की बदौलत विदर्भ साहित्य संघ का नाम देश में है। यह विचार दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे ने व्यक्त किए। 68वें विदर्भ साहित्य सम्मेलन के तीसरे दिन दोपहर को विदर्भ साहित्य संघ के दिवंगत अध्यक्ष मनोहर म्हैसालकर की यादों पर प्रकाश डालनेवाला "आठवणीतले मनोहर म्हैसाळकर" इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान श्री दुबे ने म्हैसालकर से जुड़ी यादों को साझा किया। उन्होंने कहा कि, आज साहित्य कार्यकर्ता होना ज्यादा कठिन है। क्योंकि एक साहित्य कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने जीतनी सफलता पाई है, उसमें मुझे ऐसा लगता है कि, उनमें से दो बातों का ध्यान देना जरूरी है। आप संघर्ष करते हैं लेकिन हर संघर्ष में विजय हो यह जरूरी नहीं है और दूसरा जोड़ने के कार्य में बहुत ताकत लगानी पड़ती है। साहित्य का काम करते समय विविध पहलुआंे का सामना करना पड़ता है। उनकी एक बात थी कि, जो काम हम कर रहे हंै, वह चरम परिणिति पर पहुंचा दे तो बहुत बड़ी बात है। कार्यक्रम में विदर्भ साहित्य संघ के वर्तमान अध्यक्ष प्रदीप दाते, डा.शरदचंद्र सालफले, वणी के माधव सरपटवार शामिल हुए थे। इस समय दाते ने कहा कि, मनोहर म्हैसालकर की विदर्भ साहित्य संघ सांस थी। कुशल प्रशासक, लोग जोड़ने की कला उन्हें ज्ञात थी। शताब्दी महोत्सव 4 माह में होनेवाला था कि, वे हमें छोड़कर चले गए। भले ही आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके कार्य प्रेरणादायी हंै। विदर्भ साहित्य संघ के सुनहरे पन्ने याने मनोहर म्हैसालकर होने की बात उपस्थित वक्ताओं ने कहीं।
Created On :   19 Dec 2022 1:14 PM IST