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अस्पताल की जर्जर इमारत में हो रहा कुपोषित बच्चों का इलाज
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । जिला महिला अस्पताल बाई गंगाबाई के पोषण पुनर्वास में कक्ष में कुपोषित बालकों को भरती कर उनका उपचार किया जा रहा है। लेकिन इमारत जर्जर हाेने से कुपोषित बालकों सहित उनके अभिभावक व अधिकारी कर्मचारियों को भी जर्जर इमारत कभी भी ढहने का डर हमेशा बना रहता है। बताया गया है कि अस्पताल की इमारत लगभग 80 वर्ष से अधिक की है। इस इमारत को ढहाकर नई इमारत बनाने की मांग भी उठ रही है।
बता दें कि गोंदिया जिले की गर्भवती महिला व नवजात बालकों के लिए एकमात्र जिला महिला बाई गंगाबाई अस्पताल गोंदिया में संचालित है। इस अस्पताल इमारत का शुभारंभ 1939 में हुआ है। अर्थात आजादी के पूर्व से ही अस्पताल की नींव रखी गई थी। इस अस्पताल में गोंदिया की ही नहीं तो पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश तथा पड़ोसी जिले की जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के लिए भर्ती किया जाता है। इसी प्रकार नवजात बालकों को भी उपचार के लिए इसी अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 30 से 35 गर्भवती महिलाओं की प्रसूति की जाती है। वहीं नवजातों पर उपचार किया जाता है। इसी अस्पताल इमारत के एक कक्ष में पोषण पुनर्वसन केंद्र संचालित किया गया है, जहां पर कुपोषित बालकों को भर्ती कर 14 दिनों तक उन्हें सेवा दी जाती है। बच्चों के साथ उनकी माताओं को भी रखा जाता है। लेकिन जिस कक्ष में कुपोषित व उनकी माताओं काे रखा जाता है वह कक्ष जर्जर अवस्था में है। जगह-जगह दीवारों को दरारे पड़ी हुई है। कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। मांग की जा रही है कि इस कक्ष को अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए या इमारत को ढहाकर नई इमारत का निर्माण किया जाए।
Created On :   25 Nov 2022 2:49 PM IST