वाणी और पानी का सदुपयोग करें : आचार्य विद्यासागर महाराज

Make good use of speech and water: Acharya Vidyasagar Maharaj
वाणी और पानी का सदुपयोग करें : आचार्य विद्यासागर महाराज
वाशिम वाणी और पानी का सदुपयोग करें : आचार्य विद्यासागर महाराज

डिजिटल डेस्क, वाशिम। जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है । पानी में एक छोटा सा कंकड़ डूब जाता है तो हज़ारो क्विंटल वज़नी लकड़ी मात्र तैरती है, इसका कारण क्या है ? इसका ज्ञान और बोध आवश्यक है । प्रत्येक मनुष्य को पानी में तैरने की इच्छा होती है और कोई पानी में डूबने का इच्छुक नहीं होता, यह मानवी स्वभाव है । यदि मनुष्य को जीवन में भी अपना लक्ष्य पूर्ण करना हो तो कर्म को महत्व देना ज़रुरी है । कर्म का उदय होने पर मनुष्य का भविष्य बनता है । जीवन में जिस प्रकार सांस की ज़रुरत है, उसी प्रकार प्रत्येक को वाणी और पानी का भी सदुपयोग करना आवश्यक होने का प्रतिपादन युगश्रेष्ठ संत शिरोमनी आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने किया । शिरपुर जैन में रविवार 31 जुलाई को आयोजित प्रवचन में भक्ताें को मार्गदर्शन करते हुए आचार्यश्री सम्बोधित कर रहे थे । इस अवसर पर निर्यापक श्रमणमुनीश्री प्रसादसागर महाराज, मुनीश्री चंद्रप्रभसागर महाराज, मुनीश्री निरामयसागर महाराज, ऐलक श्री सिध्दांतसागरजी मंच पर उपस्थित थे । आचार्य श्री ने आगे कहा की कर्म का उदय होते ही प्रत्येक को फल मिलता है । जीवन में सुख, शांति, समृध्दि चाहिए तो अच्छे कर्म करें । निंदा, व्यभिचार, मोह, माया, मांसाहार से दूर रहने की अपील भी उन्हांेने की । शिरपूर जैन में देश-विदेश से लगभग 50 हज़ार से अधिक भक्तगण दर्शन और प्रवचन के लिए आने से यहां पर यात्रा जैसा स्वरुप देखने को मिल रहा है ।
 

Created On :   2 Aug 2022 6:07 PM IST

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