महासमुंद : बाढ़ से होने वाली जनहानि और धनहानि को रोकने कंट्रोल रूम पर सूचना दें : कलेक्टर श्री गोयल
डिजिटल डेस्क, महासमुंद 23 जुलाई 2020 जिले में बाढ़ से होने वाली जनहानि और धनहानि को रोकने के मकसद से जिला स्तर पर तैयारियां पिछले माह से शुरू कर दी गई है। मानसून के चलते भारी बारिश की संभावना को देखते हुए कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि नदी-नालों, पुराने पुल-पुलियां आदि को पार करते समय एहतियात बरतें। इसके साथ ही आपदा की जानकारी मिलने पर जिला स्तरीय बाढ़ कन्ट्रोल रूम 07723-223305 में इसकी सूचना दें। यह कंट्रोल रूम चैबीसों घंटे काम कर रहा है। महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 23 जुलाई तक 625 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। बागबाहरा तहसील में 771 मिलीमीटर, सरायपाली में 727 मिलीलीटर, बसना में 716 मिलीलीटर, महासमुंद तहसील में 514 मिलीमीटर और पिथौरा तहसील में 396 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई। कलेक्टर श्री गोयल ने जन सामान्य से कहा कि वे अपने शहर या गांव में बाढ़ की संभावना और विगत वर्ष में बाढ़ के सबसे उच्च स्तरों को जानें। अपनी बहुमूल्य वस्तुओं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखें। अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य तथा सहायता केन्द्र की जानकारी रखें। आपातकालीन किट तैयार करें, जिसमें सूखा खाद्य पदार्थ, पेयजल, आवश्यक दवाएं, रेडियों, टॉर्च, जरूरी कागजात, आपात दूरभाष नम्बर सूची, मोमबत्ती, माचिस, रस्सी आदि शामिल हों तथा इन्हें उपयोग हेतु चालू हालत में रखंे। बाढ़ की संभावना को देखते हुए पालतू जानवरों को पहले से ही सुरक्षित तथा ऊंचे स्थानों पर भेज दें या जल स्तर बढ़ रहा हो, तो उन्हें खुला छोड़ दें। बाढ़ की चेतावनी मिलने पर उसका पालन करें, अपने पड़ोसियों को सूचित करें तथा सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर चलें जाएं यदि स्थान छोड़ रहे हैं, तो अपने साथ आपाकालीन किट जरूर ले जाएं। घर छोड़ने से पहले बिजली का मुख्य स्विच, गैस और पानी के नलों को बंद कर दें एवं मित्रों व रिश्तेदारों को अपने प्रस्थान की जानकारी दें। पुलिस और दमकल अधिकारियों के अनुदेशों का पालन करें व उन्हें सहयोग दें, आपकी सुरक्षा उनका ध्येय है। उबाला हुआ या क्लोरीन की टेबलेट से साफ किया हुआ पानी पियें। सांप, विषधर प्राणियों से बचकर रहें, प्रायः बाढ़ के समय सांप के काटने की घटनाएं होती है। नवीनतम जानकारी हेतु स्थानीय मौसम और समाचार रिपोर्टों को सुनें। अपने आसपास वातावरण को साफ एवं सवच्छ रखें। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ का पानी न पियें और न ही उससे भोजन पकाएं। बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आया हुआ खाद्य पदार्थ न खायें। बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र में न जाएं तथा गाड़ी चलाने से बचें। मदद के बिना बाढ़ के पानी में न जाएं, बच्चों को बाढ़ के पानी के पास खेलने ना दें। उन बिजली उपकरणों का प्रयोग न करें, जो बाढ़ के पानी में भीगे हों। अफवाहें ना फैलायें और ना ही उन पर ध्यान दें। क्रमांक/119/584/ पाराशर
Created On :   24 July 2020 2:36 PM IST