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देश में 2019 में आत्महत्या के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । देश में लोगों के आत्महत्या करने की सबसे बड़ी वजहों में शादी से इतर पारिवारिक समस्याएं और बीमारी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह बात सामने आयी है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर आत्महत्याओं के मामले में प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 18916 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट के आंकडों के अनुसार देश में 2018 के मुकाबले 2019 में आत्महत्याओं के मामले 1,34,516 से बढ़कर 1,39,123 हो गए हैं। प्रतिशत में यह बढ़ोतरी 3.4 है। राज्यों में महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में 13,493 आत्महत्याएं, पश्चिम बंगाल में 12,665, मध्यप्रदेश में 12,457 और कर्नाटक में 11,288 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। प्रतिशत की बात करें तो देश में महाराष्ट्र सहित इन राज्यों की हिस्सेदारी क्रमश: 13.6 9.7, 9.1, 9.0 और 8.1 प्रतिशत है। इन पांच राज्यों को मिलाकर देश में आत्महत्याओं के मामलों की 49.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि शेष 24 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की कुल 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तरप्रदेश की 2019 में देश में आत्महत्या के मामलों की हिस्सेदारी में कुल 3.9 प्रतिशत ही दर्ज हुई है।
आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक
रिपोर्ट के मुताबिक देश में आत्महत्याओं के मामले की कुल संख्या में 97,613 पुरुष शामिल हैं। इनमें अधिकतम दैनिक वेतन भोगी 29,092 है। इसके बाद स्वरोजगार करने वाले 14319 व्यक्ति और 11,599 बेरोजगार लोग शामिल हैं। वहीं कुल आत्महत्या के मामलों में से 41,493 महिलाएं हैं, जिनमें आत्हत्या करने वालों में आधे से ज्यादा गृहिणी है।
देश में सर्वाधिक साक्षर राज्यों में शुमार केरल में 1963 (14 प्रतिशत) बेरोजगार व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या की गई है। इसके बाद महाराष्ट्र में 10.8 प्रतिशत, तमिलनाडु में 9.8, कर्नाटक में 9.2 और ओडिशा में 6.1 प्रतिशत आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए। व्यावसायिक गतिविधियों में उन लोगों की आत्महत्या के अधिकांश मामले महाराष्ट्र में 14.2 प्रतिशत, तमिलनाडु 11.7, कर्नाटक 9.7, पश्चिम बंगाल 8.2, और मध्य प्रदेश 7.8 प्रतिशत दर्ज हुए हैं।
कृषि क्षेत्र से जुड़े पीड़ितों की संख्या भी अन्य राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 10,281 (38.2 प्रतिशत) है। इसके बाद कर्नाटक 19.4, आंध्र प्रदेश 10.0, मध्य प्रदेश 5.3, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में प्रत्येक 4.9 प्रतिशत दर्ज किए गए है।
32.4 प्रतिशत आत्महत्याओं में कारण पारिवारिक समस्या
आत्महत्या की सबसे बड़ी वजहों में विवाह से इतर पारिवारिक समस्याएं रही जिसकी हिस्सेदारी कुल आत्महत्या में 32.4 फीसदी है। 17.1 प्रतिशत के साथ बीमारी दूसरे स्थान पर और 5.5 फीसदी के साथ विवाह संबंधी समस्याएं तीसरी सबसे बड़ी वजह रही। जबकी 5.6 प्रतिशत लोग मादकपदार्थ सेवन या मद्यपान के कारण आत्महत्या करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या के मामलों में 53.6 प्रतिशत लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। 25 प्रतिशत जहर, 5.2 प्रतिशत डूबने और 3.8 प्रतिशत आत्महीनता प्रमुख है।
Created On :   2 Sept 2020 1:33 PM IST